चीन ने भी माना PM मोदी का दबदबा, ओबामा-पुतिन के साथ खड़ा किया पहली कतार में

Update: 2016-09-07 12:19 GMT

नई दिल्ली: दो दिन पहले चीन में जी-20 समिट खत्म हुआ। इस सम्मेलन में दुनिया के 36 प्रभावशाली नेताओं ने शिरकत की, जिसमें 21 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, आठ आमंत्रित देशों के प्रमुख और सात अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस समिट से जुड़ी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं जो वहां मौजूद नेताओं के बनते-बिगड़ते रिश्ते सहित अन्य हालात को दिखने के लिए काफी हैं। ऐसी ही एक तस्वीर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुडी है जो भारत के बढ़ते कद को दिखाता है।

पीएम मोदी दिखे पहली कतार में

जी-20 शिखर सम्मेलन की एक ग्रुप फोटो सामने आई है जिस पर हर कोई अपनी तरह से व्याख्या कर सकता है। इस फोटो में साफ दिख रहा है कि प्रत्येक नेता सत्ता के पदानुक्रम में खड़ा है। तस्वीर यह भी बयां करती है कि चीन क्या सोचता है। इस फोटो की खास बात यह है कि इसमें भारतीय पीएम मोदी पहली कतार में खड़े दिख रहे हैं। राजनीतिक के जानकार इसे भारत की बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।

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चीन ने अहमियत के हिसाब से दी जगह

इस फोटो की समीक्षा करते हुए बीजिंग की रेनमिन यूनिवर्सिटी के निदेशक वांग ने बताया कि चीन ने हर नेता को उसकी अहमियत के हिसाब से जगह दी है। पहली लाइन में नरेंद्र मोदी की उपस्थिति चीन की नजर में उनके रुतबे और ताकत को दिखता है। साल 2002 के बाद यह पहला मौका है जब भारत को पहली कतार में खड़े होने का मौका मिला है। इससे पहले साल 2015 में तुर्की में हुए सम्मेलन में पीएम मोदी दूसरी कतार में थे। जबकि साल 2012 में मैक्सिको में हुए जी-20 समिट में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह भी दूसरी लाइन में ही खड़े थे।

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मोदी का बढ़ा कद

वांग के अनुसार, पीएम मोदी को दूसरी पंक्ति में खड़े होना चाहिए था क्योंकि पहली पंक्ति में राष्ट्रपति और राष्ट्राध्यक्ष खड़े होते हैं। जबकि दूसरी पंक्ति में प्रधानमंत्री और चांसलर खड़े होते हैं। अंतिम पंक्ति में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि खड़े होते हैं। लेकिन मोदी पहली पंक्ति में खड़े हैं, जो उनके बढ़ते कद को दिखता है।

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?

भारतीय विशेषज्ञों की मानें तो चीन, मोदी को पहली पंक्ति में रखकर यह जताना चाहता है कि अब वह भारत को उभरती ताकत के रूप में स्वीकार कर रहा है। इसका एक मतलब यह भी है कि जी-20 देशों के इस समूह में भारत की भूमिका को नजरदांज नहीं किया जा सकता है।

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