मोदी ने दुनिया को बताई भारत की अहमियत, कोरोना से जंग में सबका मददगार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराया।

Update: 2020-07-18 05:21 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि भारत इस मामले में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। मोदी ने दुनिया को यह भी बताया कि किस तरह भारत ने कोरोना के खिलाफ जंग को आम आदमी का अभियान बना दिया। पीएम ने अपनी सरकार के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए दुनिया में भारत के योगदान की भी चर्चा की।

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संयुक्त राष्ट्र में बदलाव पर जोर

पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा किया कि जब हम यूएन का 75वां साल मना रहे हैं तब हमें इसके बहुपक्षीय सिस्टम को बदलने पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता और इसका प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे नई तरह के मानव केंद्रित वैश्वीकरण का आधार बनाना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध से पैदा हुई विभीषिका के माहौल में हुई थी और आज एक महामारी ने फिर वैसा ही माहौल बना दिया है। ऐसे में हमें इस संस्थान में सुधार करने और नए सिरे से इसकी स्थापना करने का मौका मिला है। इस मौके को गंवाया नहीं जाना चाहिए।

कोरोना के खिलाफ 150 देशों की मदद

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह महामारी हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। भारत कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ रहा है और देश ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को आम आदमी का अभियान बनाने में कामयाबी हासिल की है। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में भारत ने 150 से अधिक देशों की मदद की। संकट की इस घड़ी में भारत अपने पड़ोसियों की मदद करने के लिए सबसे पहले खड़ा हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत ने सार्क देशों के साथ संपर्क साधा और सार्क कोविड फंड की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि पूर्व में भूकंप, साइक्लोन, इबोला संकट के समय भी भारत ने हमेशा सबसे आगे बढ़कर सेवा भाव दिखाया है। मोदी ने कहा कि कोरोना से जंग में भारत का रिकवरी रेट देश दुनिया में सबसे बेहतर है।

सरकार के विकास कार्यों का जिक्र

जून में भारत के सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य चुने जाने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा के हमारा सिद्धांत सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। हम सबको साथ लेकर विकास कार्यक्रमों को चलाने में जुटे हुए हैं। मोदी ने अपनी सरकार की ओर से पिछले कुछ वर्षों में चलाए गए तमाम सामाजिक और आर्थिक अभियानों का जिक्र करते हुए बताया कि हम 2022 तक सभी को आवास देने की योजना पर काम कर रहे हैं। भारत 2025 तक टीबी मुक्त हो जाएगा।

दुनिया का सबसे बड़ा चिकित्सा अभियान

मोदी ने कहा कि हमारे यहां दुनिया के सबसे बड़े चिकित्सीय अभियान आयुष्मान भारत के तहत एक और करोड़ से अधिक लोग चिकित्सा सेवा का लाभ ले रहे हैं। देश के गरीब लोगों को अब स्वास्थ्य सेवाओं में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। गंभीर बीमारी होने पर उन्हें आयुष्मान योजना से पूरा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से परेशान लोगों व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है।

देश में महिलाओं की ताकत बढ़ी

भारत में महिलाओं की बढ़ती ताकत के बारे में दुनिया को बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत में लाखों महिलाओं को स्थानीय सरकार का प्रतिनिधि चुना जाता है। देश की हर सेवा में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। पिछले 6 वर्षों के दौरान हमने 40 करोड बैंक खाते खोले और इनमें से 22 करोड़ खाते महिलाओं के हैं।

पर्यावरण को बचाए रखने पर जोर

अपने संबोधन के दौरान मोदी ने भारत के स्वच्छता अभियान और सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए छेड़े गए अभियान की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है। कोरोना से पैदा हुए संकट को अवसर में बदलने की हमारी कोशिशों को कामयाबी मिलती दिख रही है। उन्होंने कहा कि हम विकास के रास्ते पर चलते हुए पर्यावरण को बचाए रखने पर भी जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता जैसे मुद्दे को हमने काफी गंभीरता से लिया है और पिछले साल देश ने छह लाख गांवों में पूर्ण स्वच्छता हासिल की है।

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जिम्मेदारियों के प्रति भारत सचेत

उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा रहता है और हम अपने उत्तरदायित्वों और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सचेत हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत अपने विकास लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब होता है तो यह वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति में भी बड़ा मददगार साबित होगा।

मोदी ने अपने भाषण के दौरान पूरी दुनिया को भारत की अहमियत बताई। मोदी के इस भाषण को इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत चीन के बाद सर्वाधिक आबादी वाला देश है और पीएम ने अपने भाषण के दौरान भारत के विभिन्न विकास कार्यक्रमों के साथ ही वैश्विक जिम्मेदारियों के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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