सिर्फ 13 लाख करोड़ है मोदी का पैकेज, अब ये चीजें हैं आपको मिलनी बाकी
पीएम मोदी ने मंगलवार की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आर्थिक पैकेज का एलान किया। इस राहत पैकेज का एलान करते समय पीएम मोदी ने एक और उल्लेखनीय बात कही।
नई दिल्ली। कोरोना संकट से देश को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के बड़े आर्थिक पैकेज का एलान किया है। इस आर्थिक पैकेज को ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था का 10 फ़ीसदी है। विश्व में जीडीपी के लिहाज से भारत का राहत पैकेज पांचवां सबसे बड़ा पैकेज माना जा रहा है।
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वित्त मंत्री-आरबीआई पहले ही दे चुके हैं पैकेज
पीएम मोदी ने मंगलवार की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आर्थिक पैकेज का एलान किया। इस राहत पैकेज का एलान करते समय पीएम मोदी ने एक और उल्लेखनीय बात कही।
उन्होंने कहा कि इस पैकेज में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई की ओर से पहले किए गए राहत के एलान भी शामिल हैं। इसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि वित्त मंत्री और आरबीआई द्वारा पहले की गई राहत की घोषणाओं को छोड़कर बाकी पैकेज कितनी राशि का होगा।
कुछ जानकारों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब सिलसिलेवार ढंग से पैकेज का ब्योरा पेश करना शुरू करेंगी तो यह राशि तकरीबन सत्रह लाख करोड़ रुपए की हो सकती है। वैसे इन दोनों घोषणाओं को यदि हटा दिया जाए तो बाकी की राशि करीब साढ़े तेरह लाख करोड़ रुपए के आसपास बैठती है।
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आरबीआई ने दो चरणों में घोषित किया था पैकेज
देश में कोरोना का संकट गहराने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक अब तक दो चरणों में आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा कर चुका है। यह पैकेज करीब 4.74 लाख करोड़ रुपए का है। देश में लॉकडाउन की शुरुआत के दो दिन बाद आरबीआई ने 27 मार्च को नकदी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी और रेपो रेट में भी भारी कटौती की थी।
आरबीआई के कदमों से करीब 3.74 लाख करोड़ रुपए की नगदी सिस्टम में आने की बात कही गई थी। इसके बाद आरबीआई ने 17 अप्रैल को भी देश को कोरोना संकट से निकालने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का नकदी प्रवाह बढ़ाने का एलान किया था। इस तरह आरबीआई की दोनों घोषणाओं को जोड़ने पर यह राशि करीब 4.74 करोड़ रुपए की है।
वित्त मंत्री ने दिया था 1.7 लाख करोड़ का पैकेज
भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणाओं के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी देश के गरीबों का संकट दूर करने के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था।
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वित्त मंत्री का कहना था कि इस पैकेज की मदद से कोरोना संकट के कारण तंगी झेल रहे गरीबों की मदद की जाएगी। इस पैकेज के बाद देश के गरीबों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर किया गया।
अब 13.56 लाख करोड़ का पैकेज बाकी
इस तरह यदि आरबीआई और वित्तमंत्री दोनों की घोषणाओं को जोड़ दिया जाए तो यह राशि करीब 6.44 लाख करोड़ रुपए की होती है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान यह बात साफ कर दी थी कि 20 लाख करोड़ के पैकेज में सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से पहले की की गई घोषणाएं भी शामिल है। इससे साफ है कि अब 20 लाख करोड़ रुपए में से सिर्फ करीब 13.56 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान ही बाकी है।
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वित्त मंत्री पेश करेंगी पैकेज का खाका
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से सिलसिलेवार ढंग से इस पैकेज का पूरा खाका पेश करेंगी।
जानकारों का कहना है कि सरकार काफी होमवर्क करने के बाद यह आर्थिक पैकेज लाई है और इसके द्वारा देश को आत्मनिर्भर बनाने के पीएम मोदी के नारे को काफी मजबूती मिलेगी।
हर वर्ग को राहत पहुंचाने की होगी कोशिश
माना जा रहा है कि इस आर्थिक पैकेज में श्रमिकों, किसानों, मध्यमवर्ग, कुटीर एवं गृह उद्योग, लघु-मझोले उद्योग आदि सभी के लिए कुछ न कुछ घोषणाएं जरूर की जाएंगी। मोदी ने अपने संबोधन के दौरान स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की बात पर जोर दिया है। इसलिए छोटे उद्योगों की तरक्की के लिए आर्थिक मदद देने की बात तय मानी जा रही है।
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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी