पोती के लिया छोड़ा प्यारा आशियाना, पढ़ाने के लिए उठाया ये कदम, अब मिला 24 लाख

देशराज इस समय अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले हैं। वह 74 साल की उम्र में ऑटो रिक्‍शा चलाकर पैसे कमाते हैं। उनके दो बेटे थे। दोनों की मौत हो चुकी है। अब उनके परिवार में, उनकी पत्‍नी, बहू और चार पोते-पोती हैं।

Update:2021-02-24 19:21 IST
ऑटो चालक ने पोती को पढ़ाने के लिए बेच दिया घर, अब लोगों ने की 24 लाख की मदद

मुंबई: मनुष्य अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है। खासकर तब जब बात बच्चों के करियर और पढ़ाई के लिए होती है। कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है मुंबई में । यहां सोशल मीडिया पर 74 साल के ऑटो ड्राइवर देशराज कुछ समय से वायरल हो रहे है। उनके वायरल होने के पीछे की कहानी जानेंगे तो आप देशराज के नतमस्तक हो जाएंगे।

दिल को छू लेने वाली कहानी

मुंबई के ऑटो रिक्‍शा चालक देशराज की दिल को छू लेने वाली कहानी को ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे संस्‍था ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया। देशराज की इस कहानी को लोगों ने काफी पसंद किया। इसके बाद यह कहानी जल्‍द ही वायरल हो गयी। इस दौरान देशराज के लिए ऑनलाइन डोनेशन के लिए अभियान शुरू किया गया। इसके तहत उनके लिए 20 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्‍य रखा गया। लेकिन उनके लिए कुल 24 लाख रुपये एकत्रित हो गए। अब इस पूरी रकम को हाल ही में उन्‍हें चेक के रूप में सौंप दिया गया है।

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बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार देशराज ने अपनी पोती को दिल्‍ली में पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेच दिया था। ह्यूमंस ऑफ बॉम्‍बे ने अपने फेसबुक पेज पर देशराज की एक प्रोफाइल बनाई। इसके बाद उसमें उनकी स्‍टोरी को शेयर किया। देशराज इस समय अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले हैं। वह 74 साल की उम्र में ऑटो रिक्‍शा चलाकर पैसे कमाते हैं। उनके दो बेटे थे। दोनों की मौत हो चुकी है। अब उनके परिवार में, उनकी पत्‍नी, बहू और चार पोते-पोती हैं।

 

घर बेच पोती को पढ़ाई के लिए दिए पैसे

देशराज को अब अपनी पोती से आस है। उनकी पोती ने इंटर की परीक्षा में 80 प्रतिशत नंबर हासिल किया है। जिससे वो काफी खुश थे। वहीं, जब पोती ने आगे की पढ़ाई के लिए पैसे मांगे तो उन्होंने अपना घर बेच दिया। उनकी पोती बीएड करना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने अपना घर बेचने का फैसला कर लिया और परिवार को गांव भेज दिया है।

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24 लाख रुपये मदद के रूप में मिलने के बाद ह्यूमंस ऑफ बॉम्‍बे ने अपने पेज पर लिखा, 'जो समर्थन देशराज को मिला है, वह अतुलनीय है। जैसा कि आप लोग उनकी मदद को आगे आए है, ऐसे में उन्‍हें एक छत मिल गई है और वह अब अपनी पोती को भी पढ़ा पाएंगे।

 

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