Live in Relationship: गर्भवती होने पर नहीं होगी जिम्मेदारी... लिव-इन की ये शर्तें क्यों सोशल मीडिया का हॉट टॉपिक

Live in Relationship: सोशल मीडिया में लिव रिलेशन का एक एग्रीमेंट खूब वायरल हो रहा है। कोर्ट का ये मामला जानिए क्या है?

Written By :  Snigdha Singh
Update:2024-09-04 13:05 IST

Live in Relation (Photo: Social Media)

Live in Relation Agreement: लिव इन रिलेशन तो आजकल के लोगों के लिए आम बात हो गयी है। नए ट्रेंड और आधुनिकता में लोग शादी से पहले ही एक दूसरे के साथ रह के तय करते हैं कि आगे साथ रहना है या नहीं। ऐसे में ही श्रद्धा वॉल्कर से लेकर कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं तो कई लोगों ने महिलाओं के साथ प्रताड़ना भी की। ऐसे ही एक मामला फिर एक बार सामने आया है। जहां महिला ने आरोप लगाया कि शादी का झांसा देकर युवक ने दुष्कर्म किया है। खासबात ये है कि कोर्ट ने गिरफ्तारी से पहले जमानत दे दी। 

ये मामला मुंबई का है। दरअसल, 29 वर्षीय महिला एक 46 वर्ष के व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी। इसके बाद महिला ने शादी का झांसा देकर केस दर्ज करा दिया। ऐसे में जब पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए नोटिस जारी किया तो युवक को कोर्ट ने लिव इन रिलेशन एग्रीमेंट के आधार पर गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दी। युवक का कहना है कि उसने युवती से एक साल के लिए लिव इन एग्रीमेंट साइन किया था। महिला ने सहमति के बाद लिव इन रिलेशन में रहना शुरू किया था। वहीं मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी सरकारी कर्मचारी है। महिला ने आरोप लगाया है कि उसके साथी ने उससे शादी करने का वादा किया था। कई बार उसके साथ बलात्कार किया। युवक द्वारा कोर्ट में पेश किए गए एग्रीमेंट पर महिला के हस्ताक्षर हैं। युवक के वकील का कहना है कि ये मात्र धोखाधड़ी की साजिश है। वहीं, महिला ने कहा कि उसने कोई एग्रीमेंट नहीं साइन किया।  

समझौते में लिखी गई थी 7 बातें

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समझौते में इन सात शर्तों का जिक्र किया गया है।

  • दोनों में तय था कि वे 1 अगस्त 2024 से 30 जून 2025 तक साथ रहेंगे।
  • इस अवधि के दौरान वे एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला दर्ज नहीं करेंगे और शांतिपूर्वक एक साथ अपना समय बिताएंगे।
  • महिला पुरुष के साथ उसके घर पर रहेगी और अगर उसे उसका व्यवहार अनुचित लगता है, तो वे एक महीने का नोटिस देकर कभी भी अलग हो सकते हैं।
  • अगर उत्पीड़न से पुरुष को मानसिक आघात पहुंचता है, जिससे उसका जीवन बर्बाद हो जाता है, तो महिला को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
  • महिला के रिश्तेदार उसके साथ रहने के दौरान उसके घर नहीं आ सकते।
  • महिला को पुरुष को कोई उत्पीड़न या मानसिक पीड़ा नहीं देनी होगी।
  • अगर महिला इस अवधि के दौरान गर्भवती हो जाती है, तो पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।
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