NCRB Report: देश में हर घंटे तीन से अधिक हत्याएं, व्यक्तिगत दुश्मनी के मामले बढ़े, जानिए क्या कहते हैं एनसीआरबी के आंकड़े
NCRB Report on Crime: 2022 में हमारे देश में 28522 हत्या के मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के अनुसार 2022 में हत्या के सबसे अधिक 9962 मामलों में मामूली विवाद कारण था। इसके बाद 3761 मामलों में व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी और 1884 मामलों में फायदा उठाना था। वहीं 2021 के मुकाबले 2022 के मामलों में कमी आई है।
NCRB Report: देश में अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। इन अपराधों के बढ़ने के कई कारण बताए जाते हैं। भारत में बढ़ते अपराधिक मामलों को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में 2022 में हत्या की कुल 28,522 प्राथमिकियां दर्ज की गईं हैं। जिसके अनुसार देश में हर दिन औसतन 78 हत्याएं हुईं या हर घंटे तीन से अधिक हत्याएं हुई हैं।
सबसे अधिक विवाद और दुश्मनी के मामले
हालांकि, एनसीआरबी के आंकड़ों की माने तो अपराध के मामलों में 2021 की तुलना में 2022 में थोड़ी कमी आई है। 2021 में ये आंकड़ा 29272 और 2020 में 29,193 था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2022 में हत्या के सबसे अधिक मामलों में 9962 मामलों में ‘मामूली विवाद‘ कारण रहा था, इसके बाद 3761 मामलों में ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी और 1884 मामलों में ‘फायदा उठाना‘ था।
हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश में टॉप पर
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में उत्तर प्रदेश में हत्या की सबसे अधिक 3491 एफआईआर दर्ज की गईं, उसके बाद दूसरे नंबर पर बिहार रहा, जहां 2930 एफआईआर दर्ज की गईं, तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 2295, चैथे नंबर पर मध्य प्रदेश में 1978 और पांचवें नंबर पर राजस्थान रहा जहां 1834 मामले दर्ज किए गए। शीर्ष पांच राज्यों में हत्या के 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
सिक्किम में सबसे कम मामले
NCRB के अनुसार, 2022 में सबसे कम हत्या के मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य सिक्किम 9, नागालैंड 21, मिजोरम 31, गोवा 44 और मणिपुर 47 थे।
दिल्ली में हत्या के 509 मामले
केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद जम्मू-कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (16), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (7), लद्दाख (5) और लक्षद्वीप में शून्य दर्ज किए गए।