कैबिनेट और CCEA के बैठक के बाद मोदी सरकार का बड़ा फैसला, खरीफ फसलों के लिए MSP बढ़ाने को मिली मंजूरी
Cabinet Decision : कैबिनेट और सीसीईए (CCEA) के बीच बुधवार को हुई अहम बैठक के बाद केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का निर्णय लिया है।
Cabinet Decision On MSP : केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने किसानों को राहत देते हुए आज एक बड़ा निर्णय लिया है। बुधवार को कैबिनेट और सीसीईए (CCEA) की अहम बैठक में केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा आज लिए गए इस फैसले के बाद साल 2022-23 के लिए खरीफ की फसल जैसे धान, सोयाबीन तथा मक्का का मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक इस फैसले के बाद खरीफ फसलों की एमएसपी में 5 से 20% तक की बढ़त की जा सकती है।
इस कारण से सरकार ने लिया निर्णय
केंद्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने का फैसला खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले कलपुर्जों के दाम में इजाफा होने के कारण लिया गया है। इसके साथ ही एमएसपी बढ़ने से किसानों की खेती की बढ़ती लागत में भी थोड़ी राहत मिलेगी। बता दे बीते 3 सालों में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य महज 1 से 5 फ़ीसदी तक ही बढ़ाया था मगर इस बार अनुमान लगाया जा रहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार खरीफ फसलों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस 5 फ़ीसदी से 20 फीसदी तक बढ़ा सकती है। शाम 4:00 बजे केंद्र सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एमएसपी की नई दरों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
फर्टिलाइजर की दिक्कतों पर बोले मनसुख मांडवीया
देश में लगातार बढ़ती महंगाई के कारण खेती के उपकरण एवं दवाइयों के दामों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। इसके अलावा बीते 3 महीने से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण देश में फ़र्टिलाइज़र की दिक्कतें भी सामने आने लगी हैं जिसके कारण किसानों को खेती करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उर्वरक की कमी पर बोलते हुए केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने कहा खरीद तथा रवि फसलों की सत्र तक के लिए देश में यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है। बीते कुछ दिनों में ग्लोबल मार्केट में उर्वरक की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद से यह उम्मीद जताई जा रही कि अगले कुछ महीनों में देश में भी उर्वरक की कीमतें कम होंगी।