मोदी सरकार की शानदार स्कीम, हर महीने मिलेगी 10 हजार रुपये तक पेंशन, जानें कैसे
''प्रधानमंत्री वय वंदना योजना'' के तहत पेंशन के लिए निवेशक को एक निश्चित तारीख, बैंक अकाउंट और अवधि का चयन करना होता है। उदाहरण के लिए अगर आपको हर महीने की 30 तारीख को पेंशन चाहिए तो इस तिथि का चयन करना होगा।
नई दिल्ली: किसी भी व्यक्ति का बुढ़ापे में अपने जीवन यापन को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है। यही वजह है कि बुढ़ापे की चिंता करने वाले लोग अपनी कमाई के दौरान ही निवेश शुरू कर देते हैं। लेकिन सरकार की एक ऐसी भी स्कीम है जिसमें निवेश के बाद हर महीने 10 हजार रुपये तक की पेंशन ले सकते हैं। आइए इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
दरअसल, एलआईसी के जरिए संचालित होने वाली ''प्रधानमंत्री वय वंदना योजना'' के तहत सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत मिनिमम एंट्री एज 60 साल है।
इसका मतलब ये है कि 60 साल की उम्र के बाद ही इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है। इसके तहत 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। अगर आपको 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो दोबारा स्कीम में निवेश करना होगा।
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कैसे मिलती है पेंशन?
''प्रधानमंत्री वय वंदना योजना'' के तहत पेंशन के लिए निवेशक को एक निश्चित तारीख, बैंक अकाउंट और अवधि का चयन करना होता है। उदाहरण के लिए अगर आपको हर महीने की 30 तारीख को पेंशन चाहिए तो इस तिथि का चयन करना होगा। इसी तरह निवेशक मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक विकल्पों के साथ पेंशन के क्रेडिट के लिए समय के विकल्प को चुन सकते हैं।
अगर आपने मासिक विकल्प का चयन किया तो हर महीने पेंशन मिलेगा। जबकि तिमाही चयन पर हर तीन महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलता है। इसी तरह छमाही या सालाना विकल्प चयन पर क्रमश : 6 या 12 महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलेगा।
अगर आपने मासिक विकल्प का चयन किया तो हर महीने पेंशन मिलेगा। जबकि तिमाही चयन पर हर तीन महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलता है। इसी तरह छमाही या सालाना विकल्प चयन पर क्रमश : 6 या 12 महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलेगा।
यहां बता दें कि स्कीम में निवेश के 1 साल बाद पेंशन की पहली किश्त मिलती है। वहीं मासिक आधार पर पेंशन की न्यूनतम रकम 1 हजार रुपये जबकि अधिकतम 10 हजार रुपये है।
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और क्या हैं सुविधाएं ?
इस पेंशन स्की्म में डेथ बेनिफिट भी मिलता है। इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है। इस स्कीम में एक व्यक्ति कम से कम 1.50 लाख और अधिकतम 15 लाख रुपये निवेश कर सकता है। वहीं पॉलिसी खरीदते समय निवेशक द्वारा जमा की गई रकम 10 साल की अवधि पूरा होने के बाद वापस हो जाती है।
निवेशकों को पॉलिसी की खरीद को सरकार की ओर से सर्विस टैक्स या जीएसटी से छूट प्राप्त है। हालांकि इस स्कीम में टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है। निवेश के 3 साल बाद लोन सुविधा भी उपलब्ध है।अधिकतम लोन की रकम परचेज प्राइस का 75 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है।
इतने समय तक करना होता है निवेश
प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) में 10 वर्षों तक निवेश करना होता है। पीएमवीवीवाई को जीवन बीमा निगम चलाता है। इसमें निवेश ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। ये पीएमवीवीवाई स्कीम में निवेश करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2020 है। इस स्कीम में निवेश एक बार पैसा देकर किया जा सकता है।
इतना करना होता है निवेश
पीएमवीवीवाई में न्यूनतम निवेश 1,44,578 रुपये और अधिकतम 14,45,783 रुपये करना होता है। इससे आपको मासिक 12,000 रुपये और साल में 1.20 लाख रुपये पेंशन मिलती है।
इसमें सालाना 8.3 फीसदी का सालाना रिटर्न मिलता है। बैंक जिस तरीके से ब्याज दर घटा रहे हैं उसे देखते हुए पीएमवीवीवाई सीनियर सिटीजन के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। हालांकि इसमें लेने वाले के पास विकल्प है कि वह मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना पेंशन की पेमेंट ले सकते हैं।
किया ये बदलाव 10,000 रुपये तक मिल सकेगी पेंशन
निवेश की रकम की सीमा दोगुनी करने से वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा। सरकार द्वारा अब निवेश सीमा 15 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि पहले यह 7.5 लाख रुपये थी।
अब नागरिकों को प्रति माह 10,000 रुपये तक की पेंशन मिल सकेगी। पहले प्रधानमंत्री वय वंदन योजना चार मई 2017 से तीन मई 2018 के लिए ही थी। अब इसके तहत निवेश करने की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दिया गया है।
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