'मिशन शक्ति' खतरनाक, अंतरिक्ष में जमा हुए 400 मलबे के टुकड़े: नासा

भारत के मिशन शक्ति पर अब नासा की तरफ से रिएक्शन आया है। नासा ने भारत के इस मिशन को खतरनाक बताया है। नासा की तरफ से बताया गया है कि इस एंटी सैटेलाइट मिसाइल के टेस्ट से अंतरिक्ष में मलबे के करीब 400 टुकड़े और बढ़ गए हैं।

Update:2019-04-02 09:00 IST

नई दिल्ली: भारत के मिशन शक्ति पर अब नासा की तरफ से रिएक्शन आया है। नासा ने भारत के इस मिशन को खतरनाक बताया है। नासा की तरफ से बताया गया है कि इस एंटी सैटेलाइट मिसाइल के टेस्ट से अंतरिक्ष में मलबे के करीब 400 टुकड़े और बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि ये टुकड़े इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।

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यह बातें नासा के मुखिया जिम ब्रिडेनस्टाइन ने सोमवार को कहीं। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक लो ऑरबिट सैटेलाइट को मार गिराया था।

इस मिसाइल टेस्ट के जरिए भारत ने खुद को एक एडवांस अंतरिक्ष शक्ति के तौर पर स्थापित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी जानकारी देशवासियों को दी थी। उन्होंने बताया था कि भारत का यह एंटी-सैटेलाइट मिशन पूरी तरह से स्वदेशी है।

ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि सभी टुकड़े ट्रैक कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'सभी टुकड़े इतने बड़े नहीं हैं जिन्हें कि ट्रैक किया जा सके। हमारी उनपर नजर है। बड़े टुकड़ों को ट्रैक किया जा रहा है। हम लोग 10 सेंटीमीटर (6 इंच) या उससे बड़े टुकड़ों की बात कर रहे हैं। अभी तक 60 टुकड़ों को ट्रैक किया जा चुका है। 24 टुकड़े अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बिंदु से ऊपर पहुंच चुके हैं।'

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नासा प्रमुख ने कहा, 'यह एक भयानक और बेहद भयानक चीज है। इससे मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। इस तरह की गतिविधि से आने वाले दिनों में मानव को अतंरिक्ष में भेजना बहुत मुश्किल हो जाएगा। यह अस्वीकार्य है और नासा को इसे लेकर स्पष्ट होने की जरूरत है कि इससे हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा।'

अमेरिकी सेना अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन और उपग्रहों के संभावित टकराव के जोखिम की भविष्यवाणी करने के लिए अंतरिक्ष में वस्तुओं को ट्रैक करती रहती है। वर्तमान में वह 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बड़ी 23,000 चीजों को ट्रैक कर रही है। जिसमें 10,000 अतंरिक्ष में मौजूद मलबा है। ब्रिडेनस्टाइन का कहना है कि भारतीय टेस्ट के कारण अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बीच टकराव का खतरा 44 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

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