कुर्बान हुई महिला अफसर: हत्या से दहला था देश, अब होने जा रहा है ऐसा...
पंजाब के खरड़ में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी नेहा शौरी की 30 मार्च को को उनके ऑफिस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के करीब 9 महीने हो गए है और परिवार वाले इंसाफ की राह देख रहे हैं।
चंडीगढ़: पंजाब के खरड़ में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी नेहा शौरी की 30 मार्च को को उनके ऑफिस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के करीब 9 महीने हो गए है और परिवार वाले इंसाफ की राह देख रहे हैं। वहीं अब जोनल ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी नेहा शौरी के नाम पर राष्ट्रीय अवार्ड की शुरूआत की गई है।
संयोगवश जिस दिन ये अवार्ड दिया जा रहा है, उसी दिन इस हत्या के मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की जानी है। ऑल इंडिया ड्रग कंट्रोल ऑफिसर कन्फेडरेशन ने नेहा शौरी के नाम पर इस राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड की शुरुआत की है। सबसे पहले नेहा शौरी अवार्ड फॉर बेस्ट वुमन ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन में कार्यरत विसाला अन्नम को दिया जाना है।
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चेन्नई में दिया जाएगा अवॉर्ड
ये राष्ट्रीय अवार्ड 20 दिसंबर को चेन्नई में इंडियन फार्मास्युटिकल कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में दिया जाएगा। नेहा शौरी के ईमानदार कार्यशैली को सम्मान देने के लिए इस अवॉर्ड की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन परिवार अभी भी इंसाफ की राह देख रहा है। न्याय के लिए महिला अधिकारी के परिजन सीएम हो या पीएमओ हर जगह गुहार लगा चुके हैं। सरकार ने इस मामले की SIT से जांच तो कराई लेकिन अभी तक सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं।
गौरतलब है कि नेहा शौरी के परिजन ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस से जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। आज यानि शुक्रवार को हाईकोर्ट में सरकार स्टेटस रिपोर्ट पेश कर सकती है।
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30 मार्च का है मामला
30 मार्च, 2019 को जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी डॉ. नेहा शौरी की उनके ऑफिस में हत्या कर दी गई थी। आरोपी ने बाद में खुद को भी गोली मार ली थी। साल 2009 में आरोपी बलविंदर मोरिंडा में जसप्रीत मेडिकल स्टोर नाम की एक केमिस्ट शॉप चलाता था। उस वक्त नेहा रोपड़ में ड्रग इंसपेक्टर के तौर पर तैनात थीं।
2009 में नेहा ने उसकी दुकान पर छापा मारा था और वहां से कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की थीं। आरोपी के स्टोर से नशे में प्रयोग होने वाली 35 तरह की दवाइयां बरामद की गई थीं। इसके बाद नेहा ने उसके दवा दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि, महिला अधिकारी नेहा के कर्मचारी के साथ-साथ परिवार वाले भी यह नहीं मान रहे कि कोई 10 साल तक रंजिश अपने मन में कैसे रख सकता है। हत्या के पीछे किसी और वजह का होना माना जा रहा है। पुलिस हत्या के मामले में कोई भी जानकारी नेहा के परिजनों को नहीं दे रही है। ऐसे में पुलिस को जांच पूरी करने के निर्देश दिए जाएं।
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