शरद पवार के विधायक का विवादित बयान, बोले - The Keral Story के निर्माता को दी जाए फांसी

The Keral Story: एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि द केरल स्टोरी के नाम पर राज्य को बदनाम किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य की महिलाओं को सबसे ज्यादा बदनाम किया गया है। उन्होने कहा कि आधिकारिक आंकड़ा जो सामने आ रहा, वह तीन का है। लेकिन तीन को 32000 के रूप में पेश किया गया, इस फिल्म को निर्माता कोई भी हो, उसको सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।

Update: 2023-05-09 12:38 GMT
The Keral Story (Social Media)

The Keral Story: फिल्म 'द केरल स्टोरी' को लेकर घमासान जारी है। जहां एक तरफ मुस्लिम समुदाय फिल्म का विरोध कर रहा है तो दूसरी ओर राजनीति में भी फिल्म को लेकर हंगामा मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य द केरल स्टोरी को राज्यों में टैक्स फ्री कर रहें हैं। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक ने फिल्म के निर्माता को लेकर विवादित बयान दे दिया है। एनसीपी विधायक ने द केरल स्टोरी के निर्माता को फांसी देने की मांग कर दी है, जिसके बाद माना जा रहा है कि विवाद और ज्यादा बढ़ सकता है।

निर्मातो को सार्वजनिक रूप से दी जाए फांसी

एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि द् केरल स्टोरी के नाम पर राज्य को बदनाम किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य की महिलाओं को सबसे ज्यादा बदनाम किया गया है। उन्होने कहा कि आधिकारिक आंकड़ा जो सामने आ रहा, वह तीन का है। लेकिन तीन को 32000 के रूप में पेश किया गया, इस फिल्म को निर्माता कोई भी हो, उसको सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।

मध्य प्रदेश और यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म

बता दें कि द केरल स्टोरी को लेकर देश भर हंगामा मचा हुआ है। एक तरफ पश्चिम बंगाल में फिल्म पर बैन लगा दिया गया है। वहीं, बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री कर दिया है, जिसकी जानकारी सीएम योगी ने स्वयं ट्वीट करके दी। सीएम योगी आदित्यनाथ 12 मई को लोकभवन में अपनी कैबिनेट के साथ द केरल स्टोरी फिल्म देखेंगे।

ममता सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे निर्माता

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य में फिल्म द केरल स्टोरी को बैन किये जाने के खिलाफ निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होनें सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सरकार के फैसले को पलटा जाए। साथ ही याचिका में तमिलनाड सरकार राज्य में फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों में सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है।

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