Suicide in Kota: आठ महीने 24 मौत, शिक्षा का गढ़ या मौत का अड्डा! कोटा में आज फिर एक सुसाइड

Suicide in Kota: कोटा में फिर एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। 16 वर्षीय छात्रा ने गले में फंदा डालकर जिंदगी खत्म कर ली।

Written By :  Snigdha Singh
Update:2023-09-13 11:21 IST
Kota Students Suicide (photo: social media )

Suicide in Kota: कोटा में फिर छात्रा ने आत्महत्या कर ली। बीते आठ महीने में अठ तक 24 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। कोचिंग और शिक्षा का गढ़ माना जाने वाला कोटा अब मौत का अड्डा बनता जा रहा है। छात्रा की मौत के बाद अब ये आंकड़ा 25 तक पहुंच गया है। मृतक छात्रा झारखंड की रहने वाली थी और कोटा में रहकर नीट के लिए तैयारी कर रही थी। 

पुलिस के अनुसार झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली रिचा सिंह की उम्र महज 16 वर्ष थी। छात्रा इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पलेक्स के ब्लेज हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करती थी। रिचा ने आत्महत्या के लिए शाम से ही मन बना लिया था। सहेलियों ने बताया कि रिचा को शाम में ही बाहर जाने की बात कही तो आने से इंकार कर दिया। इसके बाद जब देर रात अन्य छात्राएं उसके पास गई और दरवाजा खटखटाया तो कोई रिएक्शन नहीं आया। ऐसा में हास्टल के कर्मचारी को जानकारी दी। जब हॉस्टल का स्टाफ दरवाजा तोड़कर अंदर गया तो फंदे से लटकती हुई लाश मिली। विज्ञान नगर थाना की पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। लेकिन छात्रा की मौत ने एक बार राजस्थान द्वारा उटाए गए कदमों को विफल साबित कर दिया। मालूम हो कि बीते 27 अगस्त को भी एक दिन में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। 

गहलोत सरकार ने बुलाई थी मीटिंग

कोटा में लगातार बढ़ रहे मौत के मामलों को देखते हुए हाल में ही गहलोत सरकार ने कोचिंग संचालकों के साथ एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में छात्रों द्वारा किए जा रहे सुसाइड को रोकने के लिए रणनीति तय की गई थी। छात्रों की काउंसलिंग और हॉस्टल में स्प्रिंग वाले पंखो भी लगाए गए थे। लेकिन इससे भी सुसाइड केस रुकने का नाम नहीं ले रहे।   

सपनों के शहर में मौत

कोटा, जहां छात्र बड़े बड़े सपने लेकर जाते हैं, लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि मौत को गले लगा लेते हैं। पिछले आठ महीने में 25 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली। ये आंकड़े चिंताजनक है। कोटा की स्थिति को देखते हुए अब अभिभावक भी अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने में हिचकेंगे। मालूम हो कि आत्महत्या करने वाले छात्रों की उम्र महज 15 से 20 साल है। 


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