चुनाव आयोग: भाजपा आईटी सेल मेंबर को सौंपा सोशल मीडिया अकाउंट
गोखले ने आरोप लगाया है कि 202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई पते का उपयोग ‘सोशल सेंट्रल’ नामक एक डिजिटल एजेंसी की ओर से भी किया गया था।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली ख़बर आयी है। पता चला है कि महाराष्ट्र चुनाव के समय राज्य मुख्य चुनाव कार्यालय का सोशल मीडिया अकाउंट भाजपा का आईटी सेल संभाल रहा था। इसके संचालन की ज़िम्मेदारी भाजपा आईटी सेल के एक पदाधिकारी को सौंपी गयी थी।
ऐसे खुला मामला
एक आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले के अनुसार 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने के लिए जिस फर्म को काम दिया था, वह वही फर्म थी जिसे भाजपा ने भी अपना काम दे रखा था। इस फर्म का पता 202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई था। और ये महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी रिश्ते वाले की एक कंपनी है का पता है जिसे साइनपोस्ट इंडिया कहा जाता है। गोखले ने आरोप लगाया है कि 202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई पते का उपयोग ‘सोशल सेंट्रल’ नामक एक डिजिटल एजेंसी की ओर से भी किया गया था।
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यह एजेंसी देवांग दवे के स्वामित्व में है, जो भारतीय जनता युवा मोर्चा के लिए आईटी और सोशल मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक हैं। गोखले के आरोपों के अनुसार, देवांग दवे ‘फियरलेस इंडियन’ और ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ जैसी वेबसाइटों और पेजों के संस्थापक हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले के मुताबिक महाराष्ट्र के 2019 के चुनाव के समय चुनाव आयोग ने भाजपा को जिताने के लिए रात दिन प्रचार में जुटे पार्टी के आईटी सेल के पदाधिकारी को अपना सोशल मीडिया हैंडल करने की जिम्मेदारी दे दी थी। यानी चुनाव आयोग तमाम पार्टियों के सोशल मीडिया अकाउंट को बीजेपी आईटी सेल के ज़रिये मानीटर करा रहा था।
हडकंप मचा
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साकेत गोखले के इस रहस्योद्घाटन से हड़कंप मच गया है। चुनाव आयोग ने इसकी जाँच के आदेश दे दिये हैं। साकेत गोखले ने इसे एक बड़ी जीत बताते हुए कहा है कि यह बताता है कि संस्थानों को बचाने के लिए हमारा बोलना कितना जरूरी है। इस बीच विपक्ष ने इस मुद्दे को काफी गंभीर बताया है। कांग्रेस ने इस मामले की जांच की मांग की है। इस पूरे मामले पर देवांग दवे ने कहा, ‘विपक्षी पार्टियों के राजनीतिक नैरेटिव को साधने के लिए मुझ पर आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं।
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मुझे निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और मेरी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। मेरी लीगल टीम इन आरोपों का जल्द जवाब देगी। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के तहत डीजीआईपीआर के सुझाव पर इस एजेंसी को नियुक्त किया गया था। एजेंसी को राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं में जागरूकता फैलाने के इरादे से सीमित उद्देश्य के साथ नियुक्त किया गया था।