Happy New Year 2023: नए वर्ष में लगेंगे उम्मीदों को पंख, पर्यटन में आएगी उछाल तो उड्डयन भरेगी 'उड़ान'

Happy New Year 2023: नया साल हर क्षेत्र में पॉजिटिविटी लेकर आ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन उद्योग, उड्डयन क्षेत्र, होटल-रेस्त्रां में रौनक और भीड़ लौट रही है।

Written By :  aman
Update:2022-12-20 08:53 IST

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Happy New Year 2023: साहिर की मशहूर नज़्म 'वो सुब्ह कभी तो आएगी..' एक रचना मात्र नहीं है। बल्कि, ये उम्मीद और आशाओं से भरा जीवन संगीत है। याद करें कोरोना के दौर को। हर तरफ डर। मौत का साया। घरों में दुबके लोग। अपनों से बिछड़ने का गम। ठप होता व्यापार। सूने बाजार। किसी को ये पता नहीं था, कोरोना से कब पीछा छूटेगा। कब ख़त्म होगा ये मुश्किलों भरा समय। पूरी दुनिया दो साल इसी डर और दर्द में बिताए। लेकिन, अब हम उससे आगे निकल चुके हैं। 2022 ख़त्म होने वाला है और 2023 बेहतर कल के इंतजार में खड़ा है। भारत ही दुनिया के सभी देश आने वाले साल को उम्मीदों का साल मान रहे हैं। 

कोरोना काल में भारत ही नहीं दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गईं। पर्यटन, होटल इंडस्ट्री, मॉल से किराने की दुकानें हो या स्कूल से लेकर बड़े प्रतिष्ठान तक, कई बंद हो गए तो कुछ आज तक संभलने का प्रयास कर रहे हैं। 2022 में कोरोना का वो तांडव देखने को नहीं मिला, जो वर्षों तक लोगों ने देखा था। केंद्र के प्रयास, लोगों की जागरूकता और संयम ने एक तरफ जहां कोरोना से निजात दिलाई, वहीं उम्मीद है नए साल में हम सकारात्मकता के साथ कदम रखेंगे।        

कोरोना के बाद 'उम्मीदों का बजट' 

'कोरोना काल' से उबरने के बाद देश की नजर आगामी बजट (Budget 2023) पर टिकी है। बीते दो वर्षों में महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। बड़े से लेकर छोटे व्यापारी परेशान रहे। कईयों का धंधा चौपट हो गया। देश में बेरोजगारी बढ़ी। महंगाई ने आम आदमी को अत्यधिक परेशान किया। इसलिए आम नागरिक की नजर आगामी बजट पर टिकी है। लोग केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से उम्मीदें लगाए बैठे हैं। दूसरी तरफ, वित्त मंत्रालय भी हर मोर्चे पर कड़ी तैयारी में जुटा है। निर्मला सीतारमण ने संभावित रणनीति के बारे में कहा, 'मोदी सरकार के अगले 'बजट 2023' में आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए सार्वजनिक व्यय (Public Expenditure) बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।' 


25 सालों का भविष्य होगा निर्धारित

निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को बजट पेश करेंगी। यहां एक तकनीकी पक्ष समझना जरूरी है। सीतारमण ने आने वाले बजट में पिछले बजट की स्पिरिट को ही फॉलो करने बात कही है। उसका ये मतलब है कि, 2022-23 के आम बजट में उन्होंने पूंजीगत खर्च या 'कैपेक्स' में इजाफा किया था। तब उस बजट में अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी के असर से उबारने तथा मांगा बढ़ाने की कोशिश के तहत कैपेक्स को 5.5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। अर्थात, 1 साल में ही वित्त मंत्री ने कैपेक्स में 35.4 प्रतिशत का इजाफा किया था। सीतारमण ने कहा, 'हम देश का अगला बजट (Union Budget 2023) पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। ये बजट भी हमारी उसी (पिछले बजट) की भावना को आगे बढ़ाएगा। साथ ही ये भी बोलीं, कि हम एक मिसाल पेश करने जा रहे हैं, जिसे हमने पहले भी कर दिखाया है। अब उसे और आगे बढ़ाएंगे। ताकि, भारत का अगले 25 वर्षों का भविष्य निर्धारित होगा।' 


घुटनों पर आ चुके पर्यटन उद्योग में लौटी रौनक  

कोरोना काल में भारत के पर्यटन स्थल सूने रहे थे। कारोबार भी ठप रहा था। कोरोना ने सबसे ज्यादा टूरिज्म को प्रभावित किया। चूंकि, पर्यटन से जुड़ा कारोबार इतना बड़ा है जिसने सभी पर खासा असर डाला। पर्यटन स्थल सूने रहे, तो होटलों की बुकिंग बंद रही। रेस्त्रां सहित खाने-पीने से जुड़े सभी कारोबार भी चौपट हो गए। बेपटरी पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर वापस लौट रहा है। उम्मीद है अगले साल स्थिति में और बदलाव आएगा। इसका अंदाजा होटलों की बुकिंग से लगा सकते हैं। अगले साल के दो महीनो के लिए तेजी से बुकिंग हो रही है। दिसंबर के पहले तक शहरों के होटलों में 50 प्रतिशत एडवांस बुकिंग हो चुकी थी। कोरोना का साया 2020 के शुरुआत में ही शुरू हुआ था। तब पर्यटन सीजन था। उस समय पर्यटन कारोबार धराशायी हो गया था। लेकिन, 2022 के नवंबर-दिसंबर, 2023 के जनवरी और फरवरी महीने में पर्यटन कारोबार बेहतर दिख रहा है। देसी ही नहीं विदेशी पर्यटक भी भारतीय पर्यटन स्थलों की रौनक बढ़ा रहे हैं। 


11 महीने में सबसे नीचे महंगाई

वर्षांत आम आदमी के साथ-साथ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए भी खुशखबरी लेकर आई। देश में खुदरा महंगाई यानी Retail Inflation दर लंबे वक्त के बाद नीचे आई। हालांकि, महंगाई को काबू करने में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक के बाद एक लगातार पांच बार रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की गई। जिसका असर हुआ। अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई 6.77% पर थी, जो अब 5.88 फीसदी पर आ गई। केंद्र की मानें तो वर्तमान समय में खुदरा महंगाई दर 11 महीने के निचले स्तर पर है।


'आतिथ्य उद्योग' में जारी रहेगी वृद्धि, 2023 में और बढ़ेगी

भारत में साल 2023 में 'घरेलू आतिथ्य उद्योग' (Domestic Hospitality Industry) नया उड़ान भरने को तैयार है। कोरोना काल की वजह से दो वर्षों से संकट का सामना कर रहे विमानन उद्योग (Aviation Industry) 2022 में थोड़ी संभली। उम्मीद है 2023 में ये और रफ्तार पकड़ेगी। घरेलू यात्राओं, खासकर छुट्टी के दौरान होने वाली यात्रा ने इस इस साल उद्योग को गति दी है। विमानन उद्योग से जुड़ी कंपनियों का मानना है कि 2023 में अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में और बढ़ोतरी होगी। इसका नजारा इसी दिसंबर महीने में देश के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर लोगों की भारी भीड़ से समझा जा सकता है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि, हम मुश्किल दौर से उबर चुके हैं। कोविड के बाद ये दमदार वापसी है। उद्योग अनुमानों के मुताबिक, 2022-23 की तीसरी तिमाही में कोरोना इफेक्ट से उबरते हुए आतिथ्य क्षेत्र ने 70 प्रतिशत बुकिंग को छू लिया था। 

G-20 की 200 बैठकों पर नजर

उल्लेखनीय है कि, भारत 2023 में G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसका भी सकारात्मक असर उद्योगों पर दिखेगा। उद्योग को अच्छा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। जी-20 में शामिल देशों के महत्वपूर्ण लोग भारत दौरे पर आ रहे हैं। वो देश के विभिन्न हिस्सों में जाएंगे। अनुमान है कि, भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान 200 बैठकों का आयोजन होगा। ये आयोजन देश के 50 शहरों में होने हैं। इनमें कई देशों के अधिकारी सहित अन्य लोग शामिल होंगे। G-20 देशों के 30 राष्ट्राध्यक्ष तथा सरकारों के प्रमुख भी इसमें भागीदारी करेंगे।

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