लुंगी-चप्पल पर कट रहे चालान, नितिन गडकरी ने दिया बड़ा बयान

एक्ट को लेकर एक अफवाह सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि, आंधी बांह की शर्ट और लुंगी बनियान पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान का भुगतान करना पड़ रहा है।

Update:2023-06-08 18:19 IST

नई दिल्ली: 1 सितंबर से नया मोटर व्हीकल कानून लागू हो गया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से कानून तोड़ने वालों को भारी चालान का भुगतान करना पड़ रहा है। इतने भारी जुर्माने को लेकर पहल से ही लोगों में नाराजगी है। अब एक्ट को लेकर एक अफवाह सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि, आंधी बांह की शर्ट और लुंगी बनियान पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान का भुगतान करना पड़ रहा है। लेकिन अब इसको लेकर केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय ने एक ट्वीट कर लोगों को सतर्क किया है।

ट्वीट में कहा गया कि-

केन्द्रीय परिवहन मंत्री गडकरी के ऑफिस के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में लिखा है कि, अफवाहों से सावधान..! नए मोटर व्हीकल एक्ट में आधी बांह की शर्ट पहनकर गाड़ी चलाने और लुंगी बनियान में गाड़ी चलाने पर चालान का कोई प्रावधान नहीं है। साथ ही ट्वीट में जानकारी दी गई है कि, गाड़ी मे एक्सट्रा बल्ब नहीं रखने, शीशा गंदा होने पर और चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान काटने का कानून नहीं है।



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गडकरी ने भी अफवाहों पर घेरा था पत्रकारों को-

बता दें कि इससे पहले नितिन गडकरी ने खुद भी चालान को लेकर फैलाए जा रहे अफवाहों पर कुछ पत्रकारों को घेरा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, मुझे खेद है कि, आज एक बार फिर हमारे मीडिया के कुछ मित्रों ने सड़क कानून जैसे गंभीर विषय का मजाक बनाया है। मेंरा सबसे आह्वान है कि लोगों की जिंदगी से जुड़े इस गंभीर विषय पर इस प्रकार गलत जानकारियां फैलाकर लोगों में अफवाह न फैलाएं।

बता दें कि नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से नियम को तोड़ने वाले लोगों को भारी जुर्माना भरना पड़ रहा है। इस एक्ट में चालान की राशि 10 गुना तक बढ़ा दी गई है। चालान की राशि इतनी ज्यादा है कि लोगों में इसे लेकर आक्रोश है।

एक्ट का मकसद लोगों से कानून का पालन करवना है-

जुर्माने की राशि में हुए बढ़ावे पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अपना बचाव करते हुए बोला था कि देश में हर साल सड़क दुर्घटना की वजह से काफी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इसलिए इस कानून का मकसद लोगों से यातायात के नियमों का पालन करवाने का है। वहीं कुछ राज्यों जैसे गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तराखण्ड ने इस एक्ट को लागू न करने का फैसला किया है। इसके अलावा महाराष्ट्र ने केंद्र से जुर्माने की राशि पर दोबारा विचार करने के लिए अपील की है।

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