गडकरी को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा नहीं, राजनाथ सिंह को दी ये सलाह
मंत्री नितिन गडकरी ने बताया, “महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष रहते समय मैं अपनी लाल बत्ती वाली कार में सवार था। मेरा काफिला पूरे पुलिस प्रोटेक्शन में था, उसमें भी मेरा एक्सिडेंट हो गया। बाद में पता चला कि मेरे ड्राइवर को मोतियाबिंद था।”
नई दिल्ली: सड़क सुरक्षा माह 18 जनवरी से शुरू हो चुका है, जो कि 17 फरवरी तक जारी रहेगा। इस मौके पर केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सड़क सुरक्षा उपायों की वकालत करते दिखें। सड़क पर तमाम लोग ऐसे होते है जो आंख बंद करके के तेज गाड़ी चलते रहते है, ऐसे लोगों को नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने तंज कसते हुए कहा कि लोगों को अपने ड्राइवर्स की आंखों की जांच प्राइवेट अस्पतालों में करवानी चाहिए, क्योंकि सरकारी अस्पताल आंख की जांच रिपोर्ट गलत देते हैं।
सड़क सुरक्षा माह
आपको बता दें कि राजधानी के विज्ञान भवन में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने 18 जनवरी को सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने सड़क पर हो रहे सड़क दुर्घटनाओं की चर्चा करते हुए इस चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, “ लोग अपने ड्राईवर्स की आंख निजी डॉक्टर्स से चेक कराइए, क्योंकि सरकारी में तो गलत रिपोर्ट दे देते हैं।” इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
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खुद के साथ हुए सड़क दुर्घटना का किया जिक्र
कार्यक्रम में नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुद के साथ हुए एक सड़क दुर्घटना के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया, “महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष रहते समय मैं अपनी लाल बत्ती वाली कार में सवार था। मेरा काफिला पूरे पुलिस प्रोटेक्शन में था, उसमें भी मेरा एक्सिडेंट हो गया। बाद में पता चला कि मेरे ड्राइवर को मोतियाबिंद था।” गडकरी ने देश में हो रहे सड़क हादसों के बारे में बात करते हुए कहा, “देश में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में 415 लोगों की मौत हो जाती है। पिछले साल केंद्र ने स्वीडन में एक सम्मेलन में भागीदारी की, जहां 2030 तक भारत में सड़क दुर्घटनाओं में एक भी मौत नहीं होने देने का विचार व्यक्त किया गया।”
दुर्घटनाओं को कम करने का वादा
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अपने वादे को दोगराते हुए कहा, “हमने वादा किया था कि हम दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत तक गिरावट लाएंगे। आज हमने तमिलनाडु की सफलता की कहानी देखी है, वहां हादसों और मृत्यु संख्या में 53 प्रतिशत की गिरावट आयी है।” उन्होंने कहा, “हमें 2030 तक इंतजार करना होगा, तब तक सड़क दुर्घटनाओं के कारण कम से कम छह-सात लाख लोगों की मौत हो जाएगी। वर्ष 2025 के पहले देश को हादसों और मौत की संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट लानी होगी।”
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समाधान के लिए 14,000 करोड़ रुपये खर्च
सड़क सुरक्षा के लिए किए जा रहे खर्चों पर बात करते हुए मंत्री गडकरी ने कहा, “सरकार सड़क पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र की पहचान करने और इसके समाधान के लिए 14,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने 7-7 हजार करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि जल्द ही वित्त मंत्रालय से भी मिल जाएगी।’’
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