बिहार में बाढ़ को लेकर ये क्या बोल गये नीतीश कुमार, जनता ने ले लिया निशाने पर?

बिहार में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 23 हो गई है। पूरे राज्य में हालात दिनों दिन और खराब होते जा रहे है। इस बीच नीतीश कुमार का एक बयान सामने आया है।

Update:2023-06-21 18:24 IST

पटना: बिहार में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 23 हो गई है।

पूरे राज्य में हालात दिनों दिन और खराब होते जा रहे है। इस बीच नीतीश कुमार का एक बयान सामने आया है।

जिसमें उन्होंने कहा है कि ये स्थिति किसी के हाथ में नहीं होती, ये आपदा प्राकृतिक है मौसम विभाग भी सुबह कुछ कहता है और दोपहर में कुछ होता है।

पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं। सथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं।

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उन्होंने ये भी कहा कि कई इलाकों में शनिवार से भारी बारिश जारी है और गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।

लेकिन हालात से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और प्रशासन लोगों की मदद करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है।

बताते चले कि बिहार के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है।

इससे शनिवार को बिहार की राजधानी पटना पूरी तरह से डूब गई है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।

कुछ क्षेत्रों में गंगा के उफान के कारण ट्रेनों की रफ्तार भी थम गई है। पटना शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है।

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इसके अलावा ही एक शो रूम में पानी भरने से पूरे कपड़े भीग गए हैं।

राजधानी पटना समेत मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, बेतिया, गया, जमुई, औरंगाबाद, जहानाबाद समेत कई अन्य जिलों में लगातार बारसात हो रही है।

मौसम विभाग ने 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।

इससे राज्य सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में एहतियातन अगले दो दिनों तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।

विभागीय तैयारियों पर उठे सवाल

बिहार बाढ़ को लेकर नीतीश कुमार का बयान सामने आने के बाद तमाम तरह के सवाल उठ खड़े हुए है।

सवाल कि क्या पहले से बाढ़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किये गये थे? अगर हां तो बिहार में बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह कैसे हुई?

जिन 23 लोगों की जान चली गई है उसके लिए कौन जिम्मेदार है?

क्या समय रहते सरकार की तरफ से इस दिशा में ठोस कदम उठाये गये थे?

सबसे अहम सवाल ये कि क्या लालू- राबड़ी के सत्ता से बाहर जाने और नीतीश कुमार के कुर्सी संभालने के बाद से बाढ़ और बारिश की दिशा में जो जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए थे उसे सरकार की तरफ से उठाये गये थे?

क्योंकि देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्रियों से लेकर वर्तमान सरकार में बाढ़ को लेकर बिहार में वैसे ही हालात है जैसे पहले थे।

पहले भी बाढ़ आने पर बिहार के ज्यादातर हिस्से जलमग्न हो जाते थे और आज भी यहां के हालात कुछ ऐसे ही है। ऐसे में जनता नीतीश कुमार से सवाल पूछ रही है कि क्या इसी दिन के लिए और यही बयान सुनने के लिए जनता ने आपको वोट देकर सीएम बनाया था।

जनता ये भी सवाल कर रही है कि जब सब कुछ कुदरत के हाथ में है तो क्या मान लिया जाये कि आपकी सरकार और पूर्व की सरकारों में कोई ख़ास फर्क नहीं रह गया है। क्योंकि पहले की सरकारें भी मिलता -जुलता ही बयान देती आई है।

 

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