MP Elections 2023: सपा के बाद जदयू से भी नहीं बैठ सका कांग्रेस का तालमेल, MP में नीतीश की पार्टी दस सीटों पर बिगाड़ेगी समीकरण
MP Elections 2023: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का शिल्पकार माना जाता है मगर उनकी ही पार्टी ने मध्य प्रदेश की सियासत में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है।
MP Elections 2023: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बाद जदयू से भी कांग्रेस का तालमेल नहीं हो सका है। राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने और दूसरे राज्यों में संगठन का विस्तार करने के लिए जदयू ने मध्य प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का शिल्पकार माना जाता है मगर उनकी ही पार्टी ने मध्य प्रदेश की सियासत में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। जानकारों का मानना है कि नजदीकी लड़ाई वाली सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकती है। जदयू के अलावा समाजवादी पार्टी ने भी राज्य की तमाम सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस की मुश्किलें पहले ही बढ़ा रखी हैं।
कांग्रेस ने नहीं दिखाई जदयू से गठजोड़ में दिलचस्पी
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला करने के बाद जदयू को कांग्रेस के साथ तालमेल की उम्मीद थी मगर कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में शामिल जदयू के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। दरअसल मध्य प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है और इस कारण कांग्रेस मध्य प्रदेश की सीटों पर कोई हिस्सेदारी देने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
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कांग्रेस की ओर से गठजोड़ में कोई रुचि न दिखाए जाने के बाद जदयू ने अपने दम पर सियासी अखाड़े में उतरने का फैसला कर लिया है। मध्य प्रदेश जदयू के मजबूत नेता रहे शरद यादव का गृह राज्य रहा है। इसलिए कुछ क्षेत्रों में पार्टी की उपस्थिति भी दर्ज होती रही है। हांलाकि जदयू को मध्य प्रदेश में मजबूत ताकत नहीं माना जाता मगर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले वाली सीटों पर जदयू प्रत्याशी कांग्रेस के लिए नुकसानदेह जरूर साबित हो सकते हैं।
जदयू ने दस सीटों पर उतारे प्रत्याशी
जदयू की ओर से बुंदेलखंड, महाकौशल और झाबुआ क्षेत्रों की दस सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी उतारे गए हैं। पार्टी ने बालाघाट, बहोरीबंद, नरियावली, गोटेगांव, चांदला, राजनगर, पिछोर, पेटलावद और विजय राघवगढ़ की सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच काफी कड़ा मुकाबला हो रहा है और दोनों दलों ने किसी भी सहयोगी दल के साथ गठजोड़ में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू एनडीए में शामिल था मगर उस चुनाव में भाजपा ने भी जदयू को कोई भी सीट चुनाव लड़ने के लिए नहीं दी थी।
लोकसभा चुनाव पर असर न पड़ने का दावा
मध्य प्रदेश के चुनाव के संबंध में जदयू का कहना है कि पार्टी को उम्मीद थी कि इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान तालमेल किया जाएगा मगर कांग्रेस ने गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पार्टी ने राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने और अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश में अपनी मौजूदगी दर्ज करने का फैसला किया है।
हालांकि जदयू नेताओं का यह भी कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी लड़ने से लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को हराने के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल दल एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे।
वैसे विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग के फार्मूले पर अभी तक चर्चा शुरू नहीं हो सकी है और चर्चा शुरू होने के बाद भी इस काम को काफी मुश्किल माना जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर चर्चा विधानसभा चुनावों के नतीजे के बाद शुरू होगी।