दिल्ली : आपको आजकल एक सवाल ज़रूर हैरत में डाल देता होगा कि आखिर कैसे लाखों करोड़ों के नए नोट इंकम टैक्स वाले पकड़ रहे हैं, जबकि पहले तो ऐसा नहीं होता था। तो हम आपको बताते हैं कि कैसे हो रहा है ये चमत्कार। सूत्रों के मुताबिक इन नए नोटों में रेडियो एक्टिव इंक का प्रयोग किया गया है। दुनिया के कई देश इस इंक का प्रयोग इंडिकेटर के तौर पर करते हैं, जिस भी वस्तु पर ये इंक लगी होती है वो एक विशेष मशीन पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा देती है।
हमारे देश के काले कारोबारियों ने अपने काले धन को कमीशन के बल पर नए नोटों में बदलवा कर फिर से वहीँ छुपा दिया, जहाँ वो अपने पुराने नोट छुपाते थे। बस यही उनसे गलती हो गयी। आईटी डिपार्टमेंट के हमारे सूत्रों के मुताबिक एक ही स्थान पर जब ज्यादा नोट रखे जाते हैं, तो हमें इसी विशेष मशीन से उनकी लोकेशन पता चल जाती है और उसके बाद हमारी टीम घर, गोदाम या किसी अन्य स्थान पर पहुँच उसी बैग,बॉक्स या फिर जहाँ वो पैसे रखे हुए हैं उन्हें बरामद कर लेती है।
सूत्रों ने हमें बताया कि देश में सरकार की कालाधन रोकने की मुहीम के चलते ऐसा इंक प्रयोग में लाया गया है। फिलहाल ये इंक 500 और 2000 की नई करेंसी में इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद जो भी नए नोट चलन में आने वाले हैं उनमें भी इसी का प्रयोग होगा, ताकि कालेधन के कारोबारियों पर नकेल कसी जा सके।
उन्होंने हमें यह भी बताया कि कुछ समय बाद इंक की कार्य क्षमता पर असर पड़ने लगता है। लेकिन तब तक सरकार ऐसे प्रावधान कर देगी की समय समय पर पुराने नोट चलन से हट जाएँ और नए चलन में आ जायें।
हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस इंक को बनाने में P32 फास्फोरस के रेडियोएक्टिव और आइसोटोप का प्रयोग हुआ है। खास बात ये है की इसके नाभिक में 15 प्रोटीन, 17 न्यूट्रोन हैं जिसे इस इंक में बहुत कम मात्रा में प्रयोग किया गया है। आईटी डिपार्टमेंट ने अपनी एक लिमिट तय कर ली है। अब यदि इस लिमिट से अधिक कहीं भी नोट पाए जाते हैं तो उनकी टीम वहां रेड करती है और सामने आ जाता है नोटों का छुपा खजाना।
सूत्रों ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक जिस मशीन का प्रयोग नोट खोजने में हो रहा है वो एक डेस्कटॉप की तरह होती है जिसमें देश का मैप होता है जिसपर ये करेंसी ब्लिंक करती रहती है इसमें बैंक व एटीएम भी नजर आते हैं अर्थात वो स्थान जो नोटों को रखने के लिए अधिकृत हैं। इन अधिकृत स्थानों के आलावा जहाँ भी लिमिट से अधिक नोटों की जमाखोरी होती है वहां की लोकेशन हमें पता चल जाती है और उसके बाद हम उस स्थान पर अपनी टीम भेज देते हैं।
सूत्रों ने जो बातें हमारे साथ साझा की उनको समझने के बाद हमें भी यकीं होने लगा की यही वजह है देश भर में इतनी बड़ी मात्रा में नई करेंसी के पकडे जाने का वर्ना जो पुलिस स्कूटी की डिक्की से शराब की बोतल नहीं पकड सकती वो कैसे काले साम्राज्य पर इतना सालिड अटैक कर रही है।