टेंशन नहीं लेने का ! बिना चिप वाले कार्ड से धोखाधड़ी होने पर बैंक देंगे हर्जाना
अपने ग्राहकों को 31 दिसंबर 2018 तक चिप बेस्ड एडवांस क्रेडिट और डेबिट कार्ड उपलब्ध न कराने वाले बैंकों के विरुद्ध आरबीआइ कड़े कदम उठाने वाला है। आरबीआई अब बिना चिप वाले एटीएम कार्ड के प्रयोग के दौरान क्लोनिंग से ग्राहक को होने वाले नुकसान की भरपाई बैंक से करने का मन बना चुका है।
लखनऊ : अपने ग्राहकों को 31 दिसंबर 2018 तक चिप बेस्ड एडवांस क्रेडिट और डेबिट कार्ड उपलब्ध न कराने वाले बैंकों के विरुद्ध आरबीआइ कड़े कदम उठाने वाला है। आरबीआई अब बिना चिप वाले एटीएम कार्ड के प्रयोग के दौरान क्लोनिंग से ग्राहक को होने वाले नुकसान की भरपाई बैंक से करने का मन बना चुका है।
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क्यों कड़े कदम उठाने को मजबूर हुआ आरबीआई
आए दिन एटीएम कार्ड की क्लोनिंग की खबरों का संज्ञान लेते हुए आरबीआइ के सीजीएम नंदा एस. दावे की ओर से 27 अगस्त 2015 को सभी बैंकों को कार्ड रिप्लेस करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत सभी पुराने मैग्नेटिक स्टिप बेस्ड डेबिट/ क्रेडिट कार्ड को बदल चिप बेस्ड कार्ड जारी होने थे। आरबीआइ ने इसके लिए बैंकों को 31 दिसंबर 2018 तक का समय दिया था।
सोमवार को कई बैंकों ने दावा किया कि उन्होंने अपने अधिकतर ग्राहकों को एडवांस ईएमवी कार्ड जारी कर दिए हैं। लेकिन ये सिर्फ दावे ही हैं। असल में अभी भी हजारों ग्राहकों के पास पुराने एटीएम ही हैं। दरअसल बैंकों ने इस निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया उन्हें उम्मीद थी कि आरबीआई समय सीमा बढ़ा देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक आरबीआई ने योजना बनाई है कि यदि पुराने कार्ड के प्रयोग से ग्राहक के साथ कोई फ्रॉड होता है तो उसके जिम्मेदार बैंक होंगे और उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।
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जिनके कार्ड नहीं बदले हैं वो टेंशन न लें
सूत्रों बताते हैं कि कार्ड ना बदलने के लिए आरबीआई ने बैंकों को जिम्मेदार माना है और 1 जनवरी के बाद भी पुराने कार्ड चलते रहेंगे।
पीएनबी के राज्य में 6.85 लाख कार्ड धारक हैं इसमें से 6.15 लाख के कार्ड बदले गए हैं।
इलाहाबाद बैंक के राज्य में 3.87 लाख कार्ड धारक हैं इसमें से दो लाख के कार्ड बदले गए हैं।
सेंट्रल बैंक के राज्य में 28 लाख कार्ड धारक हैं इसमें से 26 लाख के कार्ड बदले गए हैं।