No Fly List Guideline: इन परिस्थितियों में हवाई यात्री किए जा सकते हैं 'नो-फ्लाई लिस्ट' में शामिल, जानें गाइडलाइन
No Fly List Guideline: एयर इंडिया की फ्लाइट में पेशाब मामला ही नहीं, बल्कि ऐसी कई परिस्थितियां हैं जिसके तहत किसी भी यात्री को 'No-Fly List' में डाल सकती हैं। जानें क्या है गाइडलाइन?
No Fly List Guideline: एयर इंडिया (Air India) की अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में महिला यात्री पर पेशाब करने का मामला सुर्खियों में है। बुजुर्ग महिला के साथ बदतमीजी और पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा (Shankar Mishra arrested) को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया गया है। मुंबई निवासी शंकर मिश्रा को उसकी कंपनी वेल्स ग्रुप ने नौकरी से निकाल दिया है। साथ ही, पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा एयर इंडिया ने अपने स्टाफ, क्रू मेंबर को भी तलब किया है।
इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्ती दिखाते हुए एयर इंडिया को नोटिस (DGCA Notice to Air India) जारी किया। एयर इंडिया ने भी DGCA को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि आरोपी पर 30 दिनों के लिए बैन लगाया है। इसका मतलब है कि, शंकर मिश्रा फिलहाल 30 दिनों तक विमान यात्रा नहीं कर पाएंगे। वहीं, शनिवार को शंकर मिश्रा को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाला जा सकता है नाम
आपको बता दें, ये सिर्फ पेशाब करने का मामला नहीं है। बल्कि, कई ऐसी परिस्थितियां हैं जो किसी शख्स को 'नो-फ्लाई लिस्ट' (No-Fly List) में डाल सकती हैं। ऐसा होने पर एक तय समय सीमा के लिए उस इंसान को विमान यात्रा नहीं करने दिया जा सकता है। इसके लिए आपको नागरिक उड्डयन महानिदेशालय या DGCA की गाइडलाइन समझना होगा। तो चलिए जानते हैं क्या कहता है DGCA की गाइडलाइन?
जानें गाइडलाइन में क्या?
हवाई यात्रा के दौरान पैसेंजर के गलत व्यवहार और बदतमीजी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में गाइडलाइन जारी की थी। इस गाइडलाइन की मानें तो यदि कोई यात्री गलत व्यवहार करता है, तो पायलट को रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। मामले की आंतरिक जांच (Internal Investigation) की जाएगी। जांच के दौरान विमानन कंपनी (Airline Company) के पास ये अधिकार है कि वो आरोपी यात्री को 30 दिन के लिए 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाल सकता है। अगर, विमानन कंपनी एक तय समय के भीतर ऐसा फैसला नहीं ले पाती है तो शख्स विमान यात्रा जारी रख सकता है। शंकर मिश्रा को भी इस वक्त इसी No-Fly List में डाला गया है।
इन परिस्थितियों में नहीं कर पाएंगे हवाई सफर
हवाई सफर करने वाले यात्रियों के व्यवहार को लेकर विमान कंपनियां अपनी गाइडलाइन जारी करती ही है। मगर, कई बार इसे लेकर विवाद पैदा हुआ है। ऐसे मामलों के मद्देनजर कब-कब यात्रियों को 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाला जा सकता है, इसे लेकर DGCA ने गाइडलाइन जारी की थी। आइये इसे समझते हैं। आखिर क्या कहती है गाइडलाइन?-
- हवाई यात्रा में यदि कोई शख्स शराब पीकर विमान यात्रा करता है। उसके कारण दूसरे यात्री या विमान यात्रा के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत पैदा होती है, तो ये कार्रवाई की जा सकती है।
- अगर, कोई यात्री विमान में धूम्रपान स्मोकिंग (Smoking) करता है।
- क्रू मेंबर्स या अन्य यात्रियों के लिए गलत शब्दों या भाषा का इस्तेमाल करता है तो उसे 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाला जा सकता है।
- जानबूझकर क्रू मेंबर्स के काम करने के तरीके में अड़ंगा डालने पर भी इस तरह की कार्रवाई की जा सकती है।
अगर विमान कंपनी ने गलत बैन किया तो, क्या करें?
अब ऐसे में यात्रियों के मन में ये सवाल उठना लाजमी है कि, अगर किसी शख्स को ये लगता है कि विमानन कंपनी ने उस पर गलत बैन लगाया गया है। तो क्या किया जाए? आपको बता दें, अगर आपको भी लगता है कि आपके साथ गलत हुआ है तो आप मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन (Ministry of Civil Aviation) के तहत काम करने वाली अपीलेट कमेटी में आवेदन कर सकते हैं। इसका फैसला यात्री को मानना पड़ेगा।