कहां गया चांद: अब इस दिन नहीं होगी ईद, फीकी हुई त्यौहार की रौनक

भारत में इस बार 24 मई को ईद के चाँद के दीदार होने की उम्मीद है। जिसके चलते भारत में ईद-उल-फ़ित्र का त्यौहार 25 मई को मनाया जा सकेगा।

Update:2020-05-23 13:06 IST

आज कल रमजान का पाक महीना चल रहा है। मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्यौहार ईद-उल-फ़ित्र भारत में मनाया जाने वाला है। जिसे रमजान का महीना पूरा होने पर मनाया जाता है। भारत में ये त्यौहार इस बार उमीदन 25 मई को मनाया जाना है। क्योंकि ईद का त्यौहार मनाने के लिए जरूरी है कि पहले रात में ईद के चांद का दीदार हो। क्योंकि जब तक ईद के चाँद का दीदार नहीं होगा तब तक ईद का त्यौहार नहीं मनाया जाता। ईद-उल-फ़ित्र के साथ ही रमजान का पाक महिना भी ख़तम हो जाता है।

भारत में 24 मई को हो सकता है चाँद का दीदार

ईद को हर उस देश में मनाया जाता है जहां भी मुस्लिम आबादी रहती है। लेकिन सऊदी अरब की ईद को सबसे ख़ास माना जाता है। यहां ईद अमूमन भारत से 1-2 दिन पहले ही मनाई जाती है। क्योंकि यहां ईद का चाँद पहले ही दिख जाता है। लेकिन इस बार सऊदी में ईद का त्यौहार पूरे 30 रोजे रखने के बाद मनाया जाएगा। चूँकि इस बार सऊदी अरब, यूएई जैसे कई खाड़ी देशों में 22 मई को ईद के चांद का दीदार नहीं हुआ। इसलिए इन देशों में इस बार ईद 23 नहीं बल्कि 24 मई को मनाई जाएगी। वहीं भारत में इस बार 24 मई को ईद के चाँद के दीदार होने की उम्मीद है।

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जिसके चलते भारत में ईद-उल-फ़ित्र का त्यौहार 25 मई ओ मनाया जा सकेगा। लेकिन इस बार ईद फीकी रहेगी। क्योंकि भारत में अभी भी कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। जिसके चलते पूरे देश में ईद का ये बड़ा त्यौहार भी कुछ दायरों में रह कर मनाया जाएगा। इस बार ईद का ये धूम धाम वाला त्यौहार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया जाएगा। वहीं लद्दाख में ईद का ये त्यौहार आज ही मनाया जा रहा है। लद्दाख में 22 मई को यानी कल चाँद का दीदार हो गया था। जिसके चलते आज लद्दाख में ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है।

कोरोना वायरस ने फीकी की ईद की रौनक

अगर ईद को थोड़ा गहरे में जा कर जानना चाहें तो आपको बता दें कि ईद-उल-फित्र के साथ इस्लामिक कलैंडर शव्वाल के महीने की शुरुआत होती है। इसमें रोजा का पाक महीना चालता है। जिसमें 29-30 दिन रोजे रखे जाते हैं। यहां पे आपको बता दें कि एकमात्र ईद का दिन ऐसा होता है जिस दिन रोजा नहीं रखा जाता है। ईद के चांद का दीदार होने के बाद यानी शव्वाल का महीना शरू होने के साथ ईद मनाई जाती है। इसलिए दुनियाभर में इसकी तारीख अलग-अलग होती है। ईद की नमाज यानी ईद वाले दिन की नमाज को सबसे बड़ी नमाज माना जाता है। उस दिन लगभग हर मुस्लिम नमाज को अता करने का प्रयास करता है।

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ईद की नमाज पूरी जमात के साथ यानी एक ग्रुप में पढी जाती है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने सब कुछ बदल कर रख दिया है। कोरोना वायरस के चलते सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। ऐसे में ईद की नमाज को भी मस्जिद में अदा करने की इजाजत नहीं है। ऐसे में प्रशासन और मौलाना और उलेमाओं की तरफ से घर में ही ईद की नमाज़ पढ़ने की अपील की जा रही है। ईद में लोगों के यहां एक दूसरे के घर आने-जाने और मिलें मिलाने का रिवाज होता है। लेकिन कोरोना वायरस और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इस बार ऐसा करना भी संभव नहीं है। लोगों से अपील की जा रही है कि अपने-अपने घरों में रह कर ही खुशियाँ मनाएं कहीं भी बाहर न निकलें।

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