नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने पेड मेट्रेनिटी लीव को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार अगर कोई महिला पहली डिलिवरी में जुड़वा बच्चों को जन्म देती है तो उसे दूसरी डिलिवरी में बच्चे को जन्म देने पर 180 दिन की पेड छुट्टी पाने का हक ख़तम हो जायेगा। इस नियम के तहत इस बच्चे को तीसरा बच्चा माना जाएगा।
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मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच में इस आदेश को जारी किया गया। जस्टिस प्रसाद ने अपने फैसले में कहा कि जुड़वा या दो से अधिक बच्चे पहली डिलिवरी में होते हैं तो अगली डिलिवरी में पेड मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि ऐसे लाभ को सीमित रखने का फैसला बच्चों की संख्या पर निर्भर करता है न कि डिलिवरी की संख्या पर।
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यह नियम उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा जो जुड़वा या दो से ज्यादा बच्चों को पहली डिलिवरी में जन्म देती हैं।
इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पहली डिलिवरी के दोनों जुड़वा या अधिक बच्चे जीवित रहने पर ही ये आदेश लागू होगा।
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