इस जगह पर 'अम्फान' करेगा पहला प्रहार, होगी इतनी तेज आवाज, कांप उठेंगे लोग

साइक्लोन अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है। चक्रवाती तूफान अम्फान आज 20 मई 2020 की भारत के कई तटीय राज्यों से होकर गुजरेगा। तटीय इलाकों से इसके टकराने की संभावना जताई जा रही है।

Update:2020-05-20 17:41 IST

नई दिल्ली: साइक्लोन अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है। चक्रवाती तूफान अम्फान आज 20 मई 2020 की भारत के कई तटीय राज्यों से होकर गुजरेगा। तटीय इलाकों से इसके टकराने की संभावना जताई जा रही है।

उम्मीद कि जा रही है कि ओडिशा और बंगाल के इलाकों तक यह दोपहर 2 बजे के लगभग पहुचेंगा। इसको देखते हुए कई राज्यों में एलर्ट जारी कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्य अलर्ट पर हैं।

बंगाल और ओडिशा में तेज हवाएं और बारिश शुरू हो गई है। अम्फान तूफान के दोपहर बाद दीघा तट से टकराने के आसार हैं। अम्फान का पहला प्रहार पारादीप पर होगा, जहां अभी से तेज अंधड़ के साथ बारिश हो रही है।

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करीब 100 किलोमीटर दूर तूफान के केंद्र में करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही है। बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अम्फान अब बहुत तेजी से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है।

साइक्लोन अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है। चक्रवाती तूफान अम्फान आज 20 मई 2020 की भारत के कई तटीय राज्यों से होकर गुजरेगा। तटीय इलाकों से इसके टकराने की संभावना जताई जा रही है।

वहीं, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है। 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी की कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बननाा शुरू हुआ। 17 मई को जब अम्फान दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब यह साइक्लोन में बदल गया।

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ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तेज़ हवाएं चलने से उखड़े पेड़

बुधवार सुबह ही ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तेज़ हवाएं चलीं, जहां पेड़ों को उखड़ते हुए भी देखा जा रहा है। इसके अलावा समुद्र के पास ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से लगातार लोगों से तटीय इलाकों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।

18 मई, देर शाम साइक्लोन अम्फा सुपर साइक्लोन में परिवर्तित हो गया।

मंगलवार दोपहर को इसकी गति 200-240 किमी प्रतिघंटा की हवाओं के साथ अपने उच्च शिखर पर थी। जिसके कारण इसे सदी का सबसे का सबसे बड़ा और खतरनाक तूफान माना जा रहा है।

2004 में ही इस चक्रवाती तूफान का नाम अम्फान नाम तय हो गया था। उत्तरी हिंद महासागर में आने वाले तूफानों के लिए 64 नामों में से 63 नामों का उपयोग हो चुका है। सिर्फ अम्फान ही बाकी बचा था। इस नाम का संबंध थाईलैंड से है। इसे उसे देश की शब्दावली से बनाया गया है।

तूफानों के रिकॉर्ड 1890 से जमा किए जा रहे हैं। 130 वर्षों में केवल चार बार (1893, 1926, 1930, 1976) में 10 बार चक्रवाती तूफान आए। सबसे ज्यादा 66 तूफान 70 के दशक में आए। 1967 के बाद सबसे ज्यादा 9 तूफान पिछले साल आए थे।

इन राज्यों के लिए खतरा

मेघालय, केरल, कर्नाटक, बिहार, बंगाल, ओडिशा, सिक्किम, असम, तक इस तूफान का प्रभाव देखने को मिल सकता है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है। बंगाल में मिदनापुर, नॉर्थ-साउथ परगना, कोलकाता, हावड़ा में अम्फान अपना असर दिखा सकता है।

ओडिशा में अम्फान तूफ़ान के खतरे देखते हुए कई राहत कैम्प भी बनाये गए हैं। अभी तक राज्य में करीब 1700 से अधिक शेल्टर कैंप लगाए गए हैं, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों को रखा गया है। दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की 40 से अधिक टीमें तैनात की गई हैं। तटीय इलाकों से दो लाख से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है।

ओडिशा में समुद्र में मछुआरों के जाने पर पाबंदियां लगा दी गई है। एनडीआरएफ के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन राहत बचाव कार्यों में जुटा है। मंगलवार रात से कई इलाकों में तेज़ बारिश और हवाएं चल रही हैं।

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