अर्नब की गिरफ्तारी पर सियासतः योगी सरकार पर हमला, ओपी राजभर के सवाल

ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि अर्नब की गिरफ्तारी से पूरी भाजपा बिलबिला रही है। उन्होंनेे योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अर्नब के खिलाफ हुई कार्रवाई पर बिलबिलाने वाले तब चुप क्यों थे जब यूपी में पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा था।

Update:2020-11-05 09:54 IST
अर्नब की गिरफ्तारी पर सियासतः योगी सरकार पर हमला, ओपी राजभर के सवाल

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी में भी संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सुभासपा मुखिया व योगी सरकार में काबीना मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि अर्नब की गिरफ्तारी से पूरी भाजपा बिलबिला रही है। उन्होंनेे योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अर्नब के खिलाफ हुई कार्रवाई पर बिलबिलाने वाले तब चुप क्यों थे जब यूपी में पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा था।

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ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कही ये बात

ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर लिखा है कि योगी सरकार में एक साल मे चालीस पत्रकारों पर एफआईआर हुई। पत्रकारों की हत्या हो गयी। सरकार के खिलाफ खबर लिखने पर ईओडब्ल्यू जैसी ऐजेंसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह खामोश थे और अर्नब की गिरफ्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है। नौटंकी इसी को कहते है।



सुभासपा मुखिया ने एक अन्य ट्विट कर कहा कि योगी सरकार में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आजमगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ यूपी सरकार ने जो किया वो क्या था ? इमरजेंसी या रामराज ?

राजभर ने आगे कहा कि पत्रकार गौरी लंकेश,नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को जेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले भाजपा के लोग छुपे होते है या फंसे होते है? पूछता है भारत?

बता दे कि रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते बुधवार को कांग्रेस पर हमलावर होते हुए टव्ीट किया था कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है। देश में इमरजेंसी थोपने व सच्चाई का सामना करने से हमेशा मुंह छुपाने वाली कांग्रेस पुनः प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है।

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