Liquor Sale On Diwali: दिवाली पर देश की राजधानी में खूब छलके जाम, एक दिन में ही बिक गई 54 करोड़ की शराब
Liquor Sale On Diwali: सरकारी आंकड़े के अनुसार इस साल केवल दिवाली के एक दिन पहले ही 54 करोड रुपए की शराब की बिक्री हुई। दिवाली से पहले के 15 दिनों मे औसतन रोज 31 करोड़ रुपए की शराब दिल्ली में बिकी। अगर कमाई की बात करें तो दिवाली से पहले के लगभग 15 दिनों में दिल्ली सरकार ने केवल शराब बेचकर 525 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली।
Liquor Sale On Diwali: इस साल लोगों ने देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली का जश्न जमकर मनाया। राजधानी में पटाखे की आवाज और धुआं तो सब ने सुना और देखा भी, लेकिन पार्टी और मौज मस्ती भी जमकर हुई। इसकी गवाही दे रहे हैं वह आंकड़े जो केवल शराब की बिक्री से मिल रहे हैं। इस साल केवल दिवाली के ही एक दिन पहले देश की राजधानी में 54 करोड रुपए की शराब बिक गई। दिल्ली में दिवाली से पहले के 15 दिनों में औसतन रोज 31 करोड़ रुपए की शराब बिकी। अगर यहां कमाई की बात करें तो दिवाली से पहले के लगभग 15 दिनों में दिल्ली सरकार ने शराब बेचकर 525 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली।
शराब बिक्री में 40 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी-
अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल की तुलना में इस साल न केवल कमाई बढ़ी है, बल्कि शराब की बोतलों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। दिवाली से पहले के 15 दिनों में 3 करोड़ 5 लाख बोतलें केवल दिल्ली में सरकारी दुकानों के जरिए बेची गईं। वैसे तो दिवाली ड्राई डे होता है, लेकिन उससे एक दिन पहले यानी 11 नवंबर शनिवार को लगभग 27 लाख 83 हजार बोतलें एक दिन में लोगों ने खरीदीं।
जानिए पिछले साल क्या रहा आंकड़ा?-
वहीं पिछले साल दिवाली से पहले के 15 दिनों में लगभग 2 करोड़ 12 लाख शराब की बोतलें बिकीं थीं। पिछले साल इन दिनों में औसतन जहां 12 लाख 44 हजार बोतलें बिक पाईं थीं तो वहीं इस साल हर रोज 17 लाख 93 हजार बोतलों का औसत दर्ज किया गया। इस तरह देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में इस साल बढ़ोत्तरी लगभग 45 फीसदी की रही।
इस साल दिवाली पर क्यों हुई शराब की महासेल?-
बता दें कि दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले की बात सामने आने के बाद कई ब्रांड की शराब देश की राजधानी में उपलब्ध नहीं है, फिर भी बिक्री में ऐसा इजाफा लोगों को चैंका रहा है। दरअसल पिछले साल सरकारी दुकानें बड़ी तादाद में खुल नहीं पाईं थीं। क्योंकि कुछ महीने पहले ही शराब नीति में बदलाव हुआ था। पिछली बार जहां केवल 450 दुकानें थीं तो वहीं इस साल दुकानों की संख्या बढ़कर 625 के आस-पास पहुंच गई है।
दूसरी तरफ वहीं हरियाणा और यूपी में बिकने वाली सस्ती शराब की क्वालिटी के बारे में लगातार शिकायतें आ रहीं हैं। ये भी दिल्ली के सुपरसेल के पीछ बड़ा कारण है। वहीं आखिरी वजह भी कम दिलचस्प नहीं है और वो ये कि दिवाली से कुछ दिन पहले ही बारिश हुई और मौसम खुशनुमा हो गया और इसलिए भी शराब की बिक्री में तेजी दर्ज की गई।