सेब से भी महंगा हुआ प्याज, सरकार अब इन देशों से करेगी आयात

प्याज सेब से भी ज्यादा महंगा हो गया है। जहां एक महीने पहले 100 रुपये तक बिकने वाला सेब अब 50 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है, वहीं अप्रैल-मई में 15 से 20 रुपये तक बिकने वाला प्याज अब 80 रुपये किलो तक बिक रहा है।

Update:2023-06-06 13:42 IST

नई दिल्ली: प्याज सेब से भी ज्यादा महंगा हो गया है। जहां एक महीने पहले 100 रुपये तक बिकने वाला सेब अब 50 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है, वहीं अप्रैल-मई में 15 से 20 रुपये तक बिकने वाला प्याज अब 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। कई साल बाद प्याज की कीमतों में इतना उछाल देखने को मिला है।

प्याज की कीमतों में तेजी का आलम यह हो गया है कि अब यह आम आदमी के बजट को बिगाड़ने लगा है। देश के अलग-अलग राज्यों में आवक कम होने से प्याज की कीमतों में लगातार तेजी जारी है।

पंजाब में प्याज के दाम सेब से भी ज्यादा हो गए हैं। यहां सीजनल सेब की कीमत औसतन 60 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। प्याज भी 60 रुपये से 70 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया है।

भारत में सेब व्यापार के लिए हब माना जाने वाले शिमला में सेब की कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम और प्याज की कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम है।

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बारिश का कितना ज़्यादा असर?

प्याज से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि भारी बरसात के कारण प्याज की फ़सलों को काफ़ी नुक़सान हुआ है। प्याज की बड़ी सप्लाई महाराष्ट्र, विशेषकर नासिक से होती है और वहाँ बारिश के कारण हालात ज़्यादा ख़राब हैं।

बता दें कि पिछले साल ऐसी ख़बरें आई थीं कि प्याज की क़ीमतें कम मिलने के कारण किसानों ने प्याज सड़कों पर फेंक दिए थे। ऐसी रिपोर्ट हैं कि इस बार एक तो प्याज की फ़सल ही कम लगाई गई थी और ऊपर से भारी बारिश के कारण फ़सलें तबाह हो गईं।

इस लिहाज़ से देखा जाए तो प्याज के दाम किसानों को पिछले साल ठीक मिलते तो इस बार किसान प्याज की फ़सल बोना कम नहीं करते।

क़ीमतें इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि बाज़ार में इस बार प्याज की आवक कम है। पिछली बार से इस बार क़रीब 40 फ़ीसदी कम प्याज आया है।

एनएचआरडीएफ़ की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में जहाँ 6,048,971 क्विंटल प्याज बाज़ार में आया था वहीं 2019 में 31,52,852 क्विंटल ही आया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क़ीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ क़दम उठाए हैं। सरकार दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से प्याज के अपने स्टॉक में से 22 रुपये प्रति किलो और मदर डेयरी पर 23.90 रुपये प्रति किलो के दाम पर प्याज बेच रही है।

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क्या हैं प्याज की कीमतों में तेजी के कारण

व्यापारियों ने बताया कि प्याज के आवक की कमी होने का सबसे बड़ा कारण दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश है। उन्होंने कहा, 'भारी बारिश और नमी के कारण मध्यम प्रदेश में प्याज की स्टॉकिंग जरूरी स्तर तक नहीं पूरी हुई।

दक्षिण भारत में भारी बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो चुकी है। नासिक क्षेत्र जो सबसे बेहतर क्वालिटी के प्याज के लिए जाना जाता है, वहां पर बारिश की वजह से प्याज की फसल करीब दो सप्ताह की देरी से लगी।

पहले हमें यह प्याज की यह फसल दिवाली से पहले मिलती थी, लेकिन अब यह फसल दिवाली के बाद या फिर उसके ठीक बाद तक मिल सकेगी। इसमें करीब एक माह की देरी होगी। '

प्याज की किल्लत दूर करने के लिए सरकार उठाएगी ये बड़ा कदम

इस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी कंपनी एमएमटीसी चीन, इजिप्ट और रूस से प्याज आयात करने पर विचार कर रही है। ट्रेडर्स ने बताया कि दिल्ली में थोक भाव दोगुना बढ़कर 40 रुपये किलो हो गया है।

सरकारी एजेंसी एनएएफईडी रोजाना 400-500 टन प्याज बाजार में भेज रही है। इसके बावजूद देश के अन्य हिस्सों में दाम इसी रेंज में चल रहे हैं।

वहीं दिल्ली के आजादपुर मंडी के प्याज व्यापारियों ने अफगानिस्तान से प्याज मंगाना भी शुरू कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि अटारी बॉर्डर के रास्ते अफगानिस्तान से मंगलवार को 4 ट्रक प्याज मंगाए गए हैं। आने वाले दिनों में प्याज की आवक और बढ़ेगी। इससे रिटेल मार्केट में प्याज के दामों में गिरावट आएगी।

इन देशों से प्याज आयात करेगी सरकार

हालांकि, केंद्र सरकार प्याज की आवक की कमी से निपटने की तैयारी कर रही है। सरकार अब प्याज का आयात कर रही है। इसी सिलसिले में सरकार पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रही है। आने वाले कुछ दिन में यह स्टॉक भारत में आ जाएगा।

इजिप्ट से भारत में प्याज आयात किया जाएगा जोकि 15 अक्टूबर तक यहां पहुंच जाएगा। बताते चलें कि अंतिम बार प्याज की कीमतों में इतनी तेजी साल 2015 में दर्ज की गई थी। उस दौरान बाढ़ से फसल बर्बाद होने के बाद प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई थीं।

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