'ऑपरेशन बंदर' था बालाकोट एयर स्ट्राइक का कोड नेम, जानिए क्यों रखा गया यह नाम

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस ऑपरेशन को गोपनीय रखने के लिए इसे एक कोडनेम दिया गया था। यह कोडनेम 'ऑपरेशन बंदर' था।

Update: 2019-06-21 14:28 GMT

नई दिल्ली: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस ऑपरेशन को गोपनीय रखने के लिए इसे एक कोडनेम दिया गया था। यह कोडनेम 'ऑपरेशन बंदर' था। वायुसेना ने 12 मिराज-2000 फाइटर जेट को इस हमले को अंजाम देने के लिए भेजा था। हमले में जैश के आतंकी ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा था।

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गोपनीयता बनाए रखने और प्लान को लीक होने से बचाने के लिए बालाकोट ऑपरेशन को 'ऑपरेशन बंदर' कोडनेम दिया गया था।' यह कोड नेम रखने के पीछे की वजह का खुलासा न करते हुए रिपोर्ट में सूत्र ने बताया कि भारत के इतिहास में हुए युद्ध में बंदर का अहम योगदान रहा है। गौरतलब है कि रामायण के युद्ध में भी वानर सेना का अहम रोल था।

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26 फरवरी को 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी। ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला किया।

इस दौरान भारतीय वायुसेना के पायलट्स ने 5 स्पाइस 1000 किलो बम फेंके थे। जिस बिल्डिंगों में आतंकी सो रहे थे उसी पर बम गिरे थे। आतंकियों पर यह हमला सुबह 3:30 पर हुआ था। हमला करने के कुछ मिनटों बाद ही भारतीय जेट अपने एयरबेस पर लौट आए थे।

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जिस समय वायुसेना के मिराज आतंकियों पर कार्रवाई कर रह थे, उसी दौरान कुछ मिराज और सुखोई पाकिस्तान वायु सेना का ध्यान भटका रहे थे। ताकि पाकिस्तान की वायु सेना की तरफ से आतंकवादियों पर कार्रवाई में कोई बाधा न आए।

वायुसेना के मुताबिक, 80 प्रतिशत बम को सफलता पूर्वक अपने टारगेट पर फेंका गया है, जिससे आतंकी ठिकानों को पर्याप्त नुकसान पहुंचा है। भारतीय वायुसेना ने कमांडो की एक टीम को भी स्टैंडबाय पर रखा था ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

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आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई में 250 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की बात कही जाती है।

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