Opposition Meeting: 2024 में BJP को घेरने के लिए बेंगलुरु में विपक्ष का मंथन आज से, बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

Opposition Meeting: पटना की बैठक में सिर्फ 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था मगर बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा लेने वाले दलों की संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई है।

Update:2023-07-17 07:31 IST
Opposition Meeting (photo: social media )

Opposition Meeting: 2024 की सियासी जंग में विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए बेंगलुरु में आज दो दिवसीय बैठक शुरू होगी। पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद बेंगलुरु की इस महाजुटान को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। पटना की बैठक में सिर्फ 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था मगर बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा लेने वाले दलों की संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई है। वैसे पटना की बैठक के बाद एक बड़ा बदलाव यह हुआ है कि एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार अपनी पार्टी और सिंबल पर कब्जे की जंग में फंस गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पवार आज आयोजित होने वाले डिनर में हिस्सा नहीं लेंगे।

जानकारों का कहना है कि बेंगलुरु की बैठक के दौरान विपक्षी दलों के गुट के नाम, संयोजक, विपक्ष की चुनावी रणनीति के साथ यूसीसी और महंगाई समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। बैठक में आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी को लेकर कई दिनों से जारी सस्पेंस भी खत्म हो गया है। बैठक में आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप के अन्य महत्वपूर्ण नेता भी हिस्सा लेंगे।

विपक्ष की बैठक में कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण

2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के लिए लंबे समय से कवायद चल रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले साल से ही विपक्षी एकजुटता के लिए प्रयासरत हैं। नीतीश कुमार के प्रयासों के कारण ही पटना में 23 जून को विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने में कामयाबी मिली थी।

पटना की बैठक के दौरान ही आगे भी बैठक करके भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के खिलाफ मजबूत रणनीति बनाने का फैसला किया गया था। इसी कड़ी में अब आज से बेंगलुरु में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार और मंगलवार को होने वाली इस बैठक में कांग्रेस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के अलावा पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी हिस्सा लेने की संभावना है।

क्या है आज और कल का कार्यक्रम

बैठक के पहले दिन आज शाम छह बजे बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से विपक्षी दलों के नेताओं का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद बैठक के एजेंडे पर संक्षिप्त चर्चा होगी। आज ही बैठक के एजेंडे को स्वीकृति दिए जाने की भी संभावना है।

इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से विपक्षी दलों के नेताओं के सम्मान में डिनर का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को बैठक की शुरुआत सुबह 11:00 बजे होगी और दिन भर विपक्षी एकता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी शाम चार बजे विपक्षी नेता साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।

इन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना

बेंगलुरु के ताज वेस्ट एंड होटल में होने वाले इस बैठक के दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में विपक्षी मोर्चा के नाम,संयोजक और आने वाले दिनों में विपक्ष के कार्यक्रमों पर फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे पर फैसला लेने के लिए समितियों का गठन भी किया जा सकता है। चुनाव सुधारों को लेकर भी विपक्षी नेताओं के बीच चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। विपक्ष के प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक सामान्य सचिवालय की स्थापना पर भी फैसला होगा।

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर इन दिनों देश का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कई प्रमुख विपक्षी दलों ने खुलकर यूसीसी का विरोध किया है और इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए भाजपा का हथियार बताया है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर बैठक के दौरान चर्चा जरूर हो सकती है। इसके साथ ही दिल्ली के संबंध में लाए गए अध्यादेश,महंगाई, बेरोजगारी, विदेश नीति और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।

विपक्षी कुनबा और मजबूत,दलों की संख्या 26 हुई

इससे पूर्व विपक्षी दलों ने पटना में गत 23 जून को महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक के बाद विपक्षी नेताओं की ओर से साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने 2024 में मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। पटना की बैठक के बाद विपक्षी दलों का कुनबा और मजबूत हो गया है। पटना की बैठक में सिर्फ 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था मगर बेंगलुरु की बैठक के दौरान विपक्षी दलों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से विपक्ष के कुनबे को और मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही हैं। एनडीए की चुनावी रणनीति को देखते हुए विपक्षी नेता भी अपने मोर्चे को मजबूत बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। एनडीए की बैठक 18 जुलाई को होने वाली है मगर उस बैठक से पहले विपक्षी दल अपनी रणनीति का मजबूत खाका तैयार कर लेना चाहते हैं।

केजरीवाल भी लेंगे बैठक में हिस्सा

विपक्षी दलों के लिए राहत की सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली के संबंध में मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कई दिनों से खींचतान चल रही थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप के अन्य नेताओं ने साफ तौर पर कहा था कि यदि कांग्रेस ने इस अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी का साथ नहीं दिया तो आप के नेताओं के लिए इस बैठक में हिस्सा लेना मुश्किल होगा।

कांग्रेस ने रविवार को स्पष्ट तौर पर ऐलान किया है कि पार्टी इस अध्यादेश का विरोध करेगी। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से पार्टी का रुख स्पष्ट किए जाने के बाद आप ने बेंगलुरु के बैठक में हिस्सा लेने का ऐलान कर दिया है। आप नेता राघव चड्ढा ने रविवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आप सांसद संजय सिंह बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा लेंगे।

सोनिया के अनुरोध पर ममता ने इरादा बदला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी पहले इस बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाली थीं मगर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुरोध पर उन्होंने अपना इरादा बदल लिया है। वे भी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेने के लिए तैयार हो गई हैं। वैसे ममता आज आयोजित होने वाले डिनर में शामिल नहीं होंगी। रात्रि भोज में टीएमसी की ओर से अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। ममता बनर्जी के पैर में हाल में चोट लग गई थी और इस कारण उन्होंने बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला किया था।

ममता बेंगलुरु की बैठक में अपना प्रतिनिधि भेजने की तैयारी में जुटी हुई थीं। ममता के इस फैसले की जानकारी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तक भी पहुंची। इस पर सोनिया गांधी ने बड़ा कदम उठाते हुए ममता बनर्जी से तत्काल फोन पर बातचीत की। सोनिया गांधी की ओर से अनुरोध किए जाने पर ममता ने अपना इरादा बदलते हुए बैठक में हिस्सा लेने का फैसला किया है।

Tags:    

Similar News