दूसरे राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी टिक नहीं पा रहे अपने पद पर
यूपी में दूसरे राज्यों से आए प्रशासनिक अधिकारियों को इस प्रदेश में स्थायित्व नहीं मिल पा रहा है। इसे संयोग कहा जाए अथवा कुछ और, पर अधिकतर अधिकारी अपने पदों पर टिक नहीं पा रहे हैं।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में दूसरे राज्यों से आए प्रशासनिक अधिकारियों को इस प्रदेश में स्थायित्व नहीं मिल पा रहा है। इसे संयोग कहा जाए अथवा कुछ और, पर अधिकतर अधिकारी अपने पदों पर टिक नहीं पा रहे हैं। प्रतिनियुक्त पर यूपी आए आईपीएस और आईएएस अधिकारियो को थोड़े समय बाद ही अपने पद से हटना पड़ रहा है। आज प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को शासन की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया। वह तमिलनाडु काडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
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अभिषेक दीक्षित ने माफिया अतीक अहमद की कई अवैध सम्पतियों पर बुलडोजर भी चलवाया
उन पर सोशल डिस्टेंसिग का पालन न कराए जाने के साथ ही पर्यवेक्षण एवं चेकिंग का कार्य ठीक से न किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया है। हाल ही में अभिषेक दीक्षित ने माफिया अतीक अहमद की कई अवैध सम्पतियों पर बुलडोजर भी चलवाया था। बात यहां केवल अभिषेक दीक्षित तक ही सीमित नहीं है। अन्य राज्यों से अपने मूल प्रदेश की अंतर राज्य प्रतिनियुक्ति पर आए अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के दिन ही खराब चल रहे हैं।
2006 बैच के आईएएस अधिकारी आलोक कुमार पांडे यूपी आए तो उन्हें सहारनपुर का डीएम बनाया गया
गुजरात के कई महत्वपूर्ण जिलों में डीएम रहे 2006 बैच के आईएएस अधिकारी आलोक कुमार पांडे यूपी आए तो उन्हें सहारनपुर का डीएम बनाया गया। इसके बाद उन्हे औद्योगिक विकास विभाग में भी विशेष सचिव बनाया गया। उनके काम की तारीफ भी हुई लेकिन एकदम से हटाकर सचिवालय में तैनात कर दिए गए। उन्होंने हालात को देखते हुए अपनी प्रतिनियुक्त की अवधि बढ़ाए जाने का आग्रह ही नहीं किया। और वापस अपने गृह प्रदेश चले गए।
आईएएस अधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी
इसी तरह इसी बैच के मेघालय काडर के आईएएस अधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी परिवहन निगम में संयुक्त प्रबंध निदेशक और फिर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी रहने के बाद कानपुर के जिलाधिकारी बनाए गए और 7 महीने में ही वापस लखनऊ आ गए। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कोरोना से संघर्ष करते रहे। कानपुर के लोगों ने उनके काम की तारीफ भी की, पर अचानक उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया जिसके बाद उन्हे काम करने में हो रही परेशानी को देखते हुए वापस लखनऊ बुला लिया गया।
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इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इसी बैच के आईपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित जब तमिलनाडु से अपने गृह राज्य की प्रतिनियुक्ति पर आए तो थोड़े समय बाद उन्हें पीलीभीत का एसपी बनाया गया३ काम बेहतर आंक पर अभी कुछ समय पहले ही सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के स्थान पर प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था ।
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