जल्द होगा राहत पैकेज का एलान, अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर शुरू
केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के लिए एक और राहत पैकेज पर विचार कर रही है और इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्रालय के सचिव और PMO के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं।
नई दिल्ली: इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस की संकट से जूझ रहा है। इस वजह से देश की इकोनमी पर बुरा असर पड़ा है। इस दौरान देश में आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल ठप हैं। सिर्फ आवश्यक काम और सेवाएं ही चल रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के लिए एक और राहत पैकेज पर विचार कर रही है और इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्रालय के सचिव और PMO के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं।
राजकोषीय पैकेज को लेकर अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर
पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और PMO के आला अधिकारियों ने राजकोषीय पैकेज (Fiscal package) को लेकर कई बैठकें की। एक मीडिया रिपोर्ट में दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है।
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नुकसान की भरपाई के लिए रास्ता ढूंढ रही सरकार
इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि, देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए पिछले हफ्ते में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और PMO के अधिकारियों के बीच कई मीटिंग्स हुईं। कोरोना वायरस की महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले क्षति की भरपाई के लिए सरकार उपाय ढूंढने में जुटी है।
14 अप्रैल को खत्म होने वाला है लॉकडाउन
बता दें कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश को 21 दिनों तक लॉकडाउन रखने का एलान किया था, जिसकी अवधि 14 अप्रैल को खत्म होने वाली है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के पक्ष में है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई सरकारी बयान सामने नहीं आया है।
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मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बड़ा झटका
देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) और सर्विस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन के दौरान रेलवे सेवा से लेकर फ्लाइट सर्विसेज को भी बंद रखा गया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों की तरफ से चालू वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू और व्यय पर पेंदी नजर रखी जा रही है।
पहली तिमाही में सरकारी रेवेन्यू पर दिखेगा बुरा असर
इस रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि 3 हफ्तों तक लगातार आउटपुट एक्टिविटी ठप होने के चलते पहली तिमाही में सरकारी रेवेन्यू पर बुरा असर देखने को मिलेगा। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया जा चुका है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से भी 3.7 लाख करोड़ रुपये के लिक्विडिटी बूस्ट का कदम उठाया गया है। ऐसे में केंद्र सरकार दूसरे राहत पैकेज पर फैसला लेते वक्त इस बात का भी ध्यान रखेगी।
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