OTT Content New Rule: ओटीटी कंटेंट पर होगा कंट्रोल, ड्राफ्ट बिल तैयार, क्या दिखाना है तय करेगी समिति
OTT Content New Rule: ओटीटी पर अब सब कुछ और कुछ भी परोसा नहीं जा सकेगा। सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्मों को रेगुलेट करने की तैयारी कर ली है और कानून का ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है।
OTT Content New Rule: ओटीटी पर अब सब कुछ और कुछ भी परोसा नहीं जा सकेगा। सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्मों को रेगुलेट करने की तैयारी कर ली है और कानून का ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है।
ड्राफ्ट बिल जारी
केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023 जारी कर दिया है जिसका उद्देश्य नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और अमेज़ॅन प्राइम वीडियो जैसे लोकप्रिय ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों को रेगुलेट करना है। प्रस्तावित कानून न केवल स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर सामग्री से संबंधित चिंताओं को संबोधित करता है बल्कि ऑनलाइन क्रिएटर्स और समाचार मीडिया प्लेटफार्मों पर सरकार की अथॉरिटी का विस्तार भी करता है।
बढ़ेगा कंट्रोल
नया विधेयक सरकार को ऑनलाइन क्रिएटर्स और समाचार मीडिया प्लेटफार्मों को रेगुलेट करने की शक्ति देता है। इसके अलावा मसौदा कानून भविष्य में डेवलप होने वाले किसी भी प्लेटफॉर्म पर नियामक कंट्रोल बढ़ाने का प्रस्ताव करता है।
मूल्यांकन समितियाँ और प्रमाणन
प्रस्तावित बिल का केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 की जगह लेगा। नए कानून में कंटेंट मूल्यांकन समितियों (सीईसी) के गठन की बात है। सीईसी किसी भी शो के प्रमाणन का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि केवल पैनल द्वारा उपयुक्त समझी गई सामग्री को ही प्रसारण की इजाजत प्राप्त हो। यानी जो कंटेंट उपयुक्त समझा जाएगा वही दिखाने की इजाजत होगी। अब उपयुक्त क्या होगा वह समिति तय करेगी।
30 दिन तक रायशुमारी
मसौदा विधेयक वर्तमान में 30 दिनों की अवधि के लिए सार्वजनिक परामर्श के लिए खुला है। बिल के बारे में लोग अपनी राय दे सकते हैं। सरकार जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर नियमों को समायोजित करने के लिए तैयार है। बता दें कि इस साल अप्रैल में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जोर दिया था कि रचनात्मक अभिव्यक्ति के रूप में छिपी अश्लीलता और दुर्व्यवहार के प्रचार से स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों को बचना चाहिए।
डिजिटल विज्ञापन नीति को मंजूरी
इस बीच सरकार ने "डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023" को मंजूरी देने की भी घोषणा की है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्वीकृत नीति, केंद्रीय संचार ब्यूरो को सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफार्मों और अन्य डिजिटल मीडिया चैनलों पर विज्ञापन अभियान चलाने की अनुमति देती है। मंत्रालय का दावा है कि यह नीति विभिन्न सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में जानकारी प्रसारित करने और जागरूकता पैदा करने के केंद्रीय संचार ब्यूरो के मिशन में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करती है।
नई नीति के तहत, विभाग अब पॉडकास्ट श्रोताओं, यूट्यूब और ओटीटी दर्शकों और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल मीडिया एजेंसियों को सूचीबद्ध कर सकता है। इसमें विज्ञापन प्लेसमेंट, इन-फिल्म विज्ञापनों और प्रचार गतिविधियों के लिए ओटीटी प्लेटफार्मों को सूचीबद्ध करने की क्षमता शामिल है।