दर्दनाक दृश्य: हाथों में लाश लेकर बदहवास भागती ये मां, रो पड़ेंगे आप
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही बडे़ इंतजाम किए हों लेकिन आज एक तीन साल के मासूम की इलाज के अभाव में इुई मौत ने सरकार के सारे दावों की पोल खोल दी है।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही बडे़ इंतजाम किए हों लेकिन आज एक तीन साल के मासूम की इलाज के अभाव में इुई मौत ने सरकार के सारे दावों को पोल खोल दी है। जहानाबाद जिले में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इसका वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि जहानाबाद जिले में एंबुलेंस न मिलने की वजह से 3 साल के मासूम की आज मौत हो गयी। बच्चे के गरीब माता पिता उसे लेकर अस्पताल गए जहां से उसे दूसरी जगह भेज दिया गया।
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निजी एंबुलेंस का इंतजाम नहीं
इलाज के अभाव में दर दर भटकने के बाद आखिरकार इस गरीब मां बाप को अपनी संतान से हाथ धोना पडा। .इलाज के अभाव में मासूम ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया।
बच्चे को खांसी-बुखार की शिकायत के बाद अरवल जिले के एक गांव से जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया था। यहां डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया। लेकिन लॉकडाउन की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर परिजन निजी एंबुलेंस का इंतजाम नहीं कर सके।
अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी गिरजेश कुमार ने बताया कि उसके 3 साल के बेटे रिशु को कई दिनों से खांसी-बुखार की शिकायत थी।
गांव की पीएचसी में इलाज न होने पर उसे अरवल सदर अस्पताल भेजा गया। लेकिन एम्बुलेंस के अभाव में उसके माता पिता उसे पैदल ही लेकर चल दिए।
उसने एम्बुलेंस के लिए कहा तो किसी भी डाक्टर ने उसे ले जाने के लिए एम्बुलेेंस की व्यवस्था नहीं की। इसके बाद वह लोग बच्चे को पैदल ही लेकर चल दिए लेकिन समय अभाव के कारण बच्चे ने रास्ते मे ही दम तोड दिया।
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शव लेकर वे लोग शाहपुर पहुंचे
मासूम रिशु के पिता ने जहानाबाद सदर अस्पताल के कर्मियों के ऊपर आरोप लगाया कि अगर समय रहते उन्हें एंबुलेंस मिल जाती तो बच्चे की जान बच सकती थी, लॉकडाउन की वजह से उन्हें किराए पर निजी गाड़ी नहीं मिली और अस्पताल ने भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की।
इस वजह से बच्चे की जान चली गई. बच्चे की मौत के बाद उसके शव को गांव ले जाने में भी अस्पताल प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह बच्चे का शव लेकर वे लोग शाहपुर पहुंचे थें।
वहीं मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लॉकडाउन के मद्देनजर बड़ी राहत की घोषणी की है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड रुपये जारी किए हैं।
राहत केंद्रों पर कोरोना वायरस की रोकथाम से संबंधित सेवाएं भी उपलब्ध कराई गयी है लेकिन स्वास्थ्य सेवाआंे की इतनी व्यवस्था होने के बाद भी बच्चे कीमौत ने बिहार सरकार के सारे दावे फेल कर दिए।
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