पाकिस्तानियों की हिंसा: अंडे, टमाटर, जूतों से हमला, निशाना था भारतीय उच्चायोग
पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने लंदन में एक बार फिर भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाते हुए भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर अंडे, टमाटर, पत्थर, जूते, स्मोक बम और बोतलों से हमला किया है।
लंदन: पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने लंदन में एक बार फिर भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाते हुए भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर अंडे, टमाटर, पत्थर, जूते, स्मोक बम और बोतलों से हमला किया है। इस हमले से बिल्डिंग की खिड़कियों के शीशे टूट गए। बिल्डिंग परिसर पर हुए इस हमले की भारतीय उच्चायोग ने ट्वीटर पर फोटो शेयर की है। साथ ही हुए हमले पर लंदन के मेयर से भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों पर एक्सन लेने की अपील की है।
अंडे, टमाटर, जूतों से किया हमला-
बता दें कि, बुधवार को करीब 10 हजार ब्रिटिश पाकिस्तानी इंग्लैण्ड से लंदन पहुंचा थे। इसके बाद उन्होंने भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग को निशाना बनाते हुए उस पर अंडे, टमाटर, पत्थर, जूते, स्मोक बम और बोतलों से हमला कर दिया। इन पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों के चलते चारों ओर अफरातफरी मच गई। इसके बाद भी भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं किया।
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इन प्रदर्शनकारियों ने किए गए इस विरोध प्रदर्शन को 'कश्मीर फ्रीडम मार्च' का नाम दे रखा था। प्रदर्शनकारियों के हाथ में पीओके का झंडा और प्लेकार्ड भी था। मार्च, यूके की लेबर पार्टी के कुछ सांसदों के नेतृत्व में हुआ था। प्रदर्शनकारियों का ये मार्च पार्ल्यामेंट स्क्वेयर से होते हुए भारतीय उच्चायोग पहुंचा था। प्रदर्शनकारियों में ब्रिटीश पाकिस्तानी और पीओके मूल के ब्रिटिश नागरिक मुख्य रुप से शामिल थे।
इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वो लोग कश्मीर लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद से सुरक्षा को देखते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं।
अप्रीय व्यवहार की निंदा करता हूं- मेयर सादिक खान
इस पूरे घटना के बाद पाकिस्तानी मूल के लंदन मेयर सादिक खान ने इस घटना की आलोचना करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि, मैं इस अप्रीय व्यवहार की निंदा करता हूं।
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इससे पहले भी कर चुका है हमला-
ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाया हो। इससे पहले इन्होंने 15 अगस्त को भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाया था। दरअसल, 15 अगस्त के दिन भारतीय लोग स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट कर रहे थे और जैसे ही उन्होंने ध्वजारोहण किया प्रदर्शनकारी वहां पहुंचे और हंगामा करने लगे। उन प्रदर्शनकारियों में पीओके के ब्रिटिश नागरिक, खलिस्तान, और ब्रिटिश पाकिस्तानी शामिल थे और उनके हाथों में खालिस्तान और कश्मीर के झंडे थे।
इन प्रदर्शनकारियों ने भारतीय मूल ब्रिटिश नागरिकों पर बोतल, जूते, अंडे और अन्य सामानों से हमला किया था। इस हमले में महिला, बच्चों समेत कईयों को हमले से बचने के लिए बिल्डिंग में शरण लेनी पड़ी थी।
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