मानवाधिकार आयोग में पाक की नापाक हरकत, भारत ने दिया करारा जवाब

भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का कोई बाहरी प्रभाव नहीं है। भारत की ओर से यह कदम उठाए जाने के बाद पाकिस्तान ने वहां शांति और समृद्धि का माहौल खत्म करने की काफी कोशिश की मगर उसे कामयाबी नहीं मिली।

Update: 2020-06-16 05:04 GMT
Modi & Imraan Khan

नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान की नापाक हरकत का करारा जवाब दिया है। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर भारत ने पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य प्रायोजित नरसंहार करने वाला देश कैसे दूसरों पर आरोप लगा सकता है। भारत ने यूएनएचआरसी में पाकिस्तान की कलई खोलते हुए बताया कि वहां कैसे ईशनिंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं।

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कश्मीर मुद्दा उठाने पर बिफरा भारत

पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी के 43वें सत्र में सोमवार को जब कश्मीर का मुद्दा उठाया तो भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई। भारत के स्थायी मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान पर फोरम के गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति काफी गंभीर है मगर वह आत्म निरीक्षण करने के बजाय दूसरों को घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है। दूसरों पर उंगली उठाने से पहले उसे आत्म निरीक्षण करना चाहिए।

पाक में मानवता के खिलाफ अपराध

भारत ने कहा कि पाकिस्तान में मानवता के खिलाफ तमाम अपराध हो रहे हैं। भारत ने काउंसिल का ध्यान इस ओर खींचते हुए कहा कि बलूचिस्तान में लोगों पर जुल्म, सरकार की ओर से लोगों की हत्याएं, लोगों को गायब कर देना या उन्हें पलायन के लिए मजबूर करना, डिटेंशन सेंटर और मिलिट्री कैंप जैसी बातें पाकिस्तान में आम है।

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कश्मीर पर स्पष्ट किया भारत का रुख

भारत की ओर से काउंसिल में कश्मीर को लेकर भी स्पष्ट रुख रखा गया। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का कोई बाहरी प्रभाव नहीं है। भारत की ओर से यह कदम उठाए जाने के बाद पाकिस्तान ने वहां शांति और समृद्धि का माहौल खत्म करने की काफी कोशिश की मगर उसे कामयाबी नहीं मिली।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान पहले भी मानवाधिकार आयोग और इसके तंत्र का गलत इस्तेमाल करता रहा है। भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि दक्षिण एशिया में राज्य प्रायोजित नरसंहार करने वाला देश दूसरे पर आरोप लगाने का दुस्साहस कैसे कर सकता है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला देश यहां मानवाधिकार का मुद्दा उठा रहा है।

पाक में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न

भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान की पैदाइश धार्मिक कट्टरवाद और खूनखराबे से हुई है और इसका इतिहास हत्याओं और तख्तापलट से भरा रहा है। पाक सरकार सेना की कठपुतली की तरह काम करती है। वहां पर मानवाधिकारों का उल्लंघन होने के साथ अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं। ईशनिंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।

इस कानून के जरिए लोगों को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है। अब ऐसा देश काउंसिल की बैठक में मानवाधिकारों की बात कैसे कर सकता है। भारत की ओर से पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों के अपहरण और उन पर किए जा रहे जुल्म का मुद्दा भी उठाया गया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसी तमाम घटनाएं हो रही हैं जो इस बात का सबूत हैं कि वहां ईशनिंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।

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