नौकरी पेशा कर्मचारियों को तगड़ा झटका, सैलरी पर कटौती का नया फरमान

अगर किसी कर्मचारी ने अपनी कंपनी यानी नियोक्ता को स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) या आधार संख्या उपलब्ध नहीं कराई है तो उसके वेतन से 20 फीसदी या ज्यादा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) हो सकती है।

Update: 2020-01-24 10:56 GMT

नई दिल्ली: अगर किसी कर्मचारी ने अपनी कंपनी यानी नियोक्ता को स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) या आधार संख्या उपलब्ध नहीं कराई है तो उसके वेतन से 20 फीसदी या ज्यादा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) हो सकती है। यह कटौती उसकी कर योग्य आय से की जाएगी। आयकर विभाग ने नियोक्ताओं को ये निर्देश जारी किए हैं।

हाल में जारी एक सर्कुलर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नियोक्ताओं को सलाह दी है कि उन्हें कर्मचारियों से पैन या आधार लेना चाहिए, साथ ही वेतन के लिए जारी स्टेटमेंट में उसे दर्ज करना चाहिए।

आयकर अधिनियम के मुताबिक, कमाई करने वाले लोगों के लिए पैन देना जरूरी है और ऐसा करने में नाकाम रहने वाले लोगों से अधिनियम में उल्लिखित दर के मुताबिक, उनकी करयोग्य आय पर 20 फीसदी या उससे ज्यादा (जो भी ज्यादा हो) टीडीएस तक वसूला जा सकता है।

काटा जाए उच्चतम टीडीएस

कंपनियां इन दिनों वित्त वर्ष के लिए अपने खातों को तैयार करने के लिए ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं। इसे देखते हुए ही इस समय यह सर्कुलर जारी किया गया है।

आयकर विभाग ने नियोक्ताओं से कहा कि उन्हें सभी स्थितियों में बकाया कर का आकलन करना है और सबसे ज्यादा कर कटौती करनी है। सर्कुलर के मुताबिक, यदि लागू दरों के आधार पर आयकर की औसत दर 20 फीसदी से कम है तो 20 फीसदी की कटौती की जानी है। यदि औसत दर 20 फीसदी से ज्यादा है तो औसत दर पर ही टीडीएस की कटौती करनी है।

20 फीसदी टीडीएस पर नहीं लगेंगे उपकर

इसके अलावा यदि 20 फीसदी दर से टीडीएस काटा गया है तो 4 फीसदी स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की कटौती करने की जरूरत नहीं है। यदि कर्मचारी की आय 2.50 लाख रुपये की कर योग्य सीमा से कम है तो टीडीएस काटने की कोई जरूरत नहीं है।

कर विभाग ने यह रिमाइंडर ऐसे वक्त में जारी किया है, जब सरकार कंपनी कर की दरों में भारी कटौती के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खासी मशक्कत कर रही है। सरकार ने निवेश को प्रोत्साहन देने और अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के उद्देश्य से कंपनी कर में कटौती की थी।

टैन नहीं लिया तो 10 हजार का जुर्माना

कंपनियां अपनी टीडीएस बाध्यताओं को लेकर खासी सतर्क रहती हैं, क्योंकि किसी भी तरह के डिफॉल्ट की स्थिति में उन पर भारी जुर्माना लग सकता है। सर्कुलर में यह बात दोहराई गई कि नियोक्ताओं को कर कटौती और सग्रह खाता संख्या (टैन) लेना चाहिए और चालान, टीडीएस प्रमाण पत्र, स्टेटमेंट और जारी होने वाले अन्य दस्तावेजों में उसे दर्ज करना चाहिए।

ऐसा नहीं करने की स्थिति में कंपनी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। सर्कुलर में नियोक्ताओं की सुविधा के लिए विभिन्न आय स्लैब पर लागू कर की दरों और अधिभार का उल्लेख भी किया गया है।

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