संसद में PM मोदी 26/11 हमले के शहीदों को याद कर हुए भावुक
देश में आज 70वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर संसद के सेंट्रल हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सत्र को संबोधित किया।
नई दिल्ली: देश में आज 70वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर संसद के सेंट्रल हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सत्र को संबोधित किया। वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार किया और साथ ही संसद परिसर में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन भी किया।
संविधान सबसे बड़ा और पवित्र ग्रंथ- PM मोदी
पीएम मोदी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बड़ा और पवित्र ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि, अगर संविधान को दो सरल शब्दों में कहना है तो कहूंगा कि, डिग्निटी और इंडियन और यूनिटी और इंडिया। इन्हीं दो मंत्रों को हमारे संविधान ने साकार किया है। उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान इसलिए इतना व्यापक है, क्योंकि उसने बाहर के प्रकाश के लिए अपनी खिड़कियां खुली रखी हैं।
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बाबा साहब आज बहुत प्रसन्न होते- PM मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अपनी गलतियों की वजह से ही हमने आजादी भी खोई और गणतंत्र का चरित्र भी खो दिया था। बाबा साहब ने पूछा था कि, हमें आजादी भी मिल गई और गणतंत्र भी हो गए। क्या हम इसे बनाए रख सकते हैं। क्या अतीत से हम सीख ले सकते हैं। अगर आज बाबा साहब होते तो उनसे अधिक प्रसन्न शायद ही कोई होता। भारत ने इतने सालों में उनके सवालों का जवाब दे दिया है और अपेन लोकतंत्र को और समृद्ध किया है।
130 करोड़ भारतीयों के सामने नतमस्तक हूं- PM मोदी
उन्होंने आगे कहा कि, मैं 130 करोड़ भारतीयों के सामने नतमस्तक हूं, जिन्होंने लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था को कम होने नहीं दिया और संविधान को एक पवित्र ग्रंथ माना। उन्होंने कहा कि, हमारे संविधान की मजबूती की वजह से ही हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढ़ पाए। हमने संविधान की मर्यादा में रहकर तमाम सुधार किए हैं।
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26/11 हमले का भी किया जिक्र
इस दौरान पीएम मोदी ने 26/11 हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, 26 नवंबर हमें साथ-साथ दर्द भी पहुंचाता है, जब भारत की महान उच्च परंपराएं, हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत को आज ही के दिन मुंबई में आतंकवादियों ने छन्न करने का प्रयास किया। मैं आज वहां मारी गईं सभी महान आत्माओं को नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि, अधिकारों और कर्तव्यों के बीच एक अटूट रिश्ता है, जिसको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बखूबी समझाया था। उन्होंने लिखा है कि, मैंने अपनी अनपढ़ मगर समझदार मां से ये सीखा है कि, सभी अधिकार आपके द्वारा सच्ची निष्ठा से निभाए गए अपने कर्तव्यों से ही आते हैं। आज जब पूरा देश बापू की 150वीं जयंती का पर्व मना रहा है तो उनकी सभी बातें और भी प्रासंगिक हो जाती हैं।
हम ही इस संविधान की ताकत हैं- PM मोदी
उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान हम भारत के लोग से ही शुरु होता है। हम ही इस संविधान की ताकत हैं, इसकी प्रेरणा हैं और हम ही इस उद्देश्य भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि, मैं कामना करता हूं कि यह संविधान दिवस हमारे संविधान के आदर्शों को कायम रखे। साथ ही हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा तो उसे पूरा करने की भी शक्ति दे।
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