Monsoon Session 2023: संसद के मानसून सत्र के तारीखों पर लगी मुहर, संसदीय कार्यमंत्री ने किया ऐलान, यूसीसी बिल ला सकती है
Monsoon Session 2023: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी मानसून सत्र होने जा रहा है। लिहाजा सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे अहम बिल को संसद से पारित करवाने की कोशिश की जा सकती है।
Monsoon Session 2023: संसद के मानसून सत्र के तारीखों पर मुहर लग गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में सत्र की तारीख पर फैसला हुआ। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी मानसून सत्र होने जा रहा है। लिहाजा सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे अहम बिल को संसद से पारित करवाने की कोशिश की जा सकती है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने मानसून सत्र की तारीखों की जानकारी देते हुए बताया कि संसद का मानसून सत्र 2023 आगामी 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कामकाज में रचनात्मक योगदान की अपील करता हूं।
हंगामेदार रह सकता है मानसून सत्र
सियासी जानकार संसद के मानसून सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार जता रहे हैं। इसके कई कारण है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, सामान नागरिक संहिता कानून और दिल्ली को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस समेत विपक्ष का एक बड़ा खेमा सरकार को घेरने की कोशिश में गंभीरता से जुटा हुआ है। इस सत्र में एक तरह से विपक्षी एकता का भी लिटमस टेस्ट हो जाएगा।
यूसीसी बिल ला सकती है सरकार
मोदी सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम साल में बीजेपी के कोर एजेंडे में शामिल यूसीसी को देशभर में लागू करने पर गंभीरता से काम कर रही है। तमाम विरोधों के बावजूद पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामान नागरिक संहिता की वकालत कर उन्होंने सरकार की मंशा को जाहिर कर दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि इस सत्र में सरकार कोर एजेंडे में शामिल इस आखिरी मुद्दे को भी बिल के रूप में संसद में प्रस्तुत कर सकती है।
यूसीसी के पक्ष में लामबंद हो रहा विपक्ष
सामान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मोदी सरकार को भले विपक्ष के एक बड़े तबके की ओर से विरोध झेलना पड़ रहा हो लेकिन धीरे-धीरे कुछ विपक्षी दल इसके पक्ष में भी लामबंद हो रहे हैं। मोदी सरकार की मुखर विरोधी आम आदमी पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने इसका समर्थन कर विपक्षी खेमे में सनसनी मचा दी है। इसके अलावा हिमाचल सरकार में मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी यूसीसी का समर्थन कर कांग्रेस में हलचल मचा दी है।