No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर आज ही चर्चा की मांग, विपक्षी सांसद पहनेंगे काले कपड़े, सियासी घमासान तेज
No Confidence Motion: विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर ओम बिरला ने मंजूर कर लिया है।
No Confidence Motion: संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुरी हिंसा को लेकर पैदा हुआ गतिरोध अभी तक खत्म नहीं हो सका है। मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष इस मुद्दे को लेकर हमलावर है और संसद के दोनों सदनों में कई दिनों से जोरदार हंगामा दिख रहा है। विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर ओम बिरला ने मंजूर कर लिया है। स्पीकर ने आज सभी दलों के नेताओं से बातचीत के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की तारीख तय करने की बात कही है मगर विपक्ष ने आज ही इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कराने की मांग की है।
मणिपुर के मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने के लिए विपक्षी सांसदों ने आज संसद में काले कपड़े पहन कर आने का फैसला किया है। कांग्रेस और आप की ओर से अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने का व्हिप भी जारी किया गया है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि मणिपुर पर चर्चा करने वाले सांसद पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते।
स्पीकर आज करेंगे सभी दलों के साथ चर्चा
मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को बुधवार को सदन की मंजूरी मिल गई। स्पीकर ओम बिरला ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा कि वे इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करने के लिए गुरुवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के बाद ही बहस की शुरुआत के संबंध में सर्वसम्मति से तिथि पर फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करने के साथ ही इस बात पर भी फैसला लिया जाएगा कि बहस के दौरान किस दल को कितना समय आवंटित किया जाए। सूत्रों का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा अगले हफ्ते हो सकती है और यह चर्चा दो दिनों तक चल सकती है।
कांग्रेस की आज ही चर्चा कराने की मांग
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मणिपुर में लंबे समय से हिंसा का माहौल बना हुआ है। सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मंजूरी मिलने के बाद 10 दिनों के भीतर सदन में चर्चा होती है मगर हमारी मांग है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर गुरुवार को ही सदन में चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ कांग्रेस का नहीं बल्कि इंडिया के सभी घटक दलों का है। विपक्षी गठबंधन के सभी घटक दलों की मांग है कि सभी कामों को एक तरफ रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर गुरुवार को ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को इस प्रस्ताव को प्राथमिकता देनी चाहिए और बहस के बाद जल्द से जल्द इस मुद्दे पर वोटिंग कराई जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर में लंबे समय से सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। मणिपुर के गंभीर हालात ने ही हमें मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मंजूर किया है। इस प्रस्ताव की गंभीरता को देखते हुए इस पर तत्काल बहस शुरू कराने की आवश्यकता है।
विपक्षी सांसद आज पहनेंगे काले कपड़े
इस बीच विपक्षी सांसदों ने विरोध दर्ज कराने के लिए आज काले कपड़े पहन कर संसद में आने का फैसला किया है। विपक्षी दलों की बुधवार को हुई बैठक के दौरान यह बड़ा फैसला लिया गया। इससे पूर्व बजट सत्र के दौरान भी विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहन कर मोदी सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया था। विपक्षी सांसदों के इस कदम पर भाजपा ने तीखा हमला बोला था। अब आज इस मुद्दे पर फिर तकरार होने की संभावना है।
स्मृति ईरानी ने विपक्षी दलों को घेरा
मणिपुर के मुद्दे को लेकर बुधवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्षी के लोग मणिपुर पर तो चर्चा चाहते हैं मगर उन्हें अन्य राज्यों में ध्वस्त कानून व्यवस्था और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर चर्चा मंजूर नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चर्चा से क्यों भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन राज्यों में भी महिलाओं के साथ हैवानियत की घटनाएं हुई हैं मगर इन राज्यों में अपनी सरकार होने के कारण विपक्ष इन राज्यों पर चर्चा नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि देश के लोग विपक्ष के इस दोहरे मापदंड को देख रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान उन्होंने राज्य में हिंसा को भड़काने का काम किया।
निश्चिंत नजर आ रही है मोदी सरकार
वैसे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मोदी सरकार पूरी तरह निश्चिंत नजर आ रही है। इसका कारण यह है कि इस अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार के भविष्य को कोई खतरा नहीं है। मौजूदा समय में मोदी सरकार के पास 329 सांसदों की ताकत है जबकि विपक्ष के पास सिर्फ 142 सांसदों का संख्या बल है। विपक्षी दलों के नेताओं को भी इस बात की बखूबी जानकारी है कि अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय है मगर मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए ही विपक्ष की ओर से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
सरकार इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार थी मगर विपक्ष ने नई रणनीति अपनाते हुए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। इसके जरिए विपक्ष को विस्तृत चर्चा का मौका मिलेगा और सभी विपक्षी दलों के सांसद मणिपुर और अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।