18 सांसदों ने पूछा 'मुर्गे' का हालचाल, पूरी बात जानकर हंसते-हंसते हो जाएंगे लोटपोट

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार जिन फार्मों पर अंडे या मुर्गे के आहार को नष्ट किया गया है, उनके मालिकों को मुआवजा देने के लिए निधियों की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय नियंत्रण भी स्थापित किया गया था।

Update:2021-02-19 17:26 IST

नई दिल्ली: सुनने में थोड़ा अटपटा लगेगा लेकिन है सौ फीसदी सच। संसद सत्र में इस बार जहां चीन, कश्मीर, किसान आंदोलन और बैंकिंग सेक्टर समेत और अन्य ज्वलंत मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे गए।

वहीं प्रश्नकाल के बीच लोकसभा के 18 सांसदों ने एक जैसा सवाल पूछा। उस सवाल का सीधा सम्बन्ध 'मुर्गे' से था।

सांसदों ने चिंता व्यक्त करते हुए अपने सवाल के जरिये देश भर के मुर्गों का हालचाल जाना।

कितने बेगुनाह मुर्गे खत्म कर दिए गए। नुकसान, कहां पर और कितना हुआ है। केंद्र और राज्यों की सरकारों ने कितनी आर्थिक मदद दी है, लोकसभा में ऐसे कई सवाल पूछे गए।

सांसदों के इन तमाम सवालों का बड़े ही गहराईपूर्वक मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने जवाब दिया।

उन्होंने सदन में स्पष्ट किया किया कि इस बार 11 लाख से ज्यादा मुर्गों को किसने और क्यों मारा है। इसके पीछे की वजह भी उन्हें बताई।

बता दें कि सांसदों द्वारा मुर्गों को लेकर सवाल पूछने के पीछे असली वजह देश में बढ़ते बर्ड फ्लू और इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी लेना था।

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इन नेताओं ने मुर्गों को लेकर पूछा था सवाल

दरअसल 9 फरवरी को सांसदों द्वारा मुर्गों को लेकर संसद सत्र में सवाल पूछा गया था। जिन नेताओं ने मुर्गों से जुड़े सवाल पूछे थे उनमें लोकसभा सांसद मनोज कोटक, रमेश विधूड़ी, कुरुवा गोरांतला माधव, पीपी चौधरी, कुमारी प्रतिमा मलिक, प्रो. अच्युतानंद सामंत, डॉ. रामशंकर कठेरिया, श्रीधर कोटागिरी, चिंता अनुराधा, क्वीन ओझा, के. सुब्बानारायण, नायब सिंह सैनी, डॉ. भारतीबेन डी श्याल, अर्जुन लाल मीणा, पोचा ब्रहमानंद रेड्डी, एन रेड्डप्प, एससी उदासी और शंकर लालवानी का नाम शामिल है। इन तमाम नेताओं ने मुर्गों से जुड़ी जानकारी लेने के लिए लंबी चौड़े सवाल तैयार किए थे। सवालों की की फेहरिस्त काफी लंबी थी।

18 सांसदों ने पूछा 'मुर्गे' का हालचाल, पूरी बात जानकर हंसते-हंसते हो जाएंगे लोटपोट (फोटो:सोशल मीडिया)

सांसदों ने कौन-कौन से सवाल पूछे थे?

सांसदों ने पूछा, एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस से प्रभावित राज्यों की संख्या कितनी है। सरकार ने इस फ्लू की रोकथाम के कौन –कौन से जरूरी कदम उठाये हैं।

बर्ड फ्लू से मुर्गा पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को कितने का नुकसान हुआ है। बीमारी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कितने मुर्गों को मारा गया है। इनके मालिकों को सरकार की ओर से कितना मुआवजा दिया गया है। सकार इसके आगे क्या कदम उठा रही है।

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18 सांसदों ने पूछा 'मुर्गे' का हालचाल, पूरी बात जानकर हंसते-हंसते हो जाएंगे लोटपोट (फोटो:सोशल मीडिया)

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार ने दिया था ये जवाब

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार ने सदन में सिलसिलेवार ढंग से सांसदों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया गया एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस से अभी तक 95181 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है, जबकि 336120 पोल्ट्री पक्षियों को मारा गया है। भारत सरकार ने देश में एवियन इन्फ्लुएंजा के लिए किसी भी टीके के उपयोग की अनुमति नहीं दी है।

इस अन्तराल में 1132865 मुर्गों को मारने की जानकारी सरकार को प्राप्त हुई है। सरकार की तरफ से मौजूदा वित्त वर्ष में पशु रोग नियंत्रण के तहत राज्यों को 160.11 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।

जिन फार्मों पर अंडे या मुर्गे के आहार को नष्ट किया गया है, उनके मालिकों को मुआवजा देने के लिए निधियों की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय नियंत्रण भी स्थापित किया गया था।

वर्ष 2015 से 2020 के दौरान केरल, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना, मणिपुर, झारखंड, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, गुजरात, यूपी, पंजाब, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और दमन प्रशासन ने एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस फैलने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।

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