Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में पवार vs पवार की जंग हुई तीखी, बारामती में अजित के खिलाफ शरद ने संभाला युगेंद्र का मोर्चा
Maharashtra Assembly Election 2024: बारामती की चुनावी जंग अब अजित पवार के लिए आसान नहीं मानी जा रही है क्योंकि युगेंद्र पवार के लिए अब शरद पवार ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के दो धड़ों के प्रमुखों शरद पवार और अजित पवार के बीच जंग अब तीखी हो गई है। राज्य की बारामती विधानसभा सीट पर शरद पवार ने अजित पवार को घेरने के लिए उनके भतीजे युगेंद्र पवार को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।
लोकसभा चुनाव में अजित पवार ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव मैदान में उतारा था तो अब शरद पवार ने अजित पवार को तीखा जवाब दिया है। बारामती की चुनावी जंग अब अजित पवार के लिए आसान नहीं मानी जा रही है क्योंकि युगेंद्र पवार के लिए अब शरद पवार ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
पहले अजित पवार ने बोला था शरद पर हमला
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने सोमवार को बारामती से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद शरद पवार पर हमला बोला था। उन्होंने शरद पवार पर बारामती की चुनावी लड़ाई को परिवारिक लड़ाई में तब्दील करने का बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि पारिवारिक संबंधों को जोड़ने में पीढ़ियां लग जाती हैं जबकि तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता। उन्होंने कहा था कि मैंने सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारने की गलती पहले ही स्वीकार कर ली थी।
अजित पवार का कहना था कि मेरे खिलाफ बारामती में युगेंद्र पर पवार को नामांकन दाखिल करने के लिए शरद पवार ने ही निर्देश दिया। शरद पवार ने परिवार में फूट डाल दी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस प्रकार के झगड़ा घर की चहारदिवारी के भीतर ही रहना चाहिए।
अब अजित के खिलाफ शरद ने खोला मोर्चा
महाराष्ट्र में नामांकन दाखिले के आखिरी दिन मंगलवार को शरद पवार खुद युगेंद्र का चुनावी मोर्चा संभालने के लिए मैदान में उतर गए। उन्होंने अजित पवार की ओर से किए गए हर हमले का तीखा जवाब दिया। उन्होंने अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को चुनावी जंग में उतारने का कारण भी बताया।
शरद पवार ने कहा कि मैंने कई सालों तक कई लोगों को मौका दिया है। मंत्री, विधायक, सांसद तक बनाया। कई वर्षों तक मैंने पार्टी के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी संभालने के साथ नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका दिया मगर फिर भी कुछ लोगों ने हमें छोड़ने का फैसला लिया।
अजित को सबकुछ दिया फिर भी छोड़ा साथ
अजित पवार को जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि उनके पास कोई ताकत नहीं थी। फिर भी वे हमें छोड़कर चले गए। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि परिवार को एकजुट रहना चाहिए क्योंकि घर तोड़ना मेरी फितरत नहीं है। मैंने उन्हें चार बार डिप्टी सीएम बनाया तो पांचवी बार भाजपा के साथ जाने की क्या जरूरत थी?
शरद पवार ने कहा कि यहां तक कि मैंने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को कोई पद नहीं दिया क्योंकि अजित पवार को ही मैं सबकुछ दे चुका था। मैंने खुद एनसीपी का गठन किया मगर जो पार्टी मैंने बनाई, वह पार्टी मुझसे छीन ली गई। केंद्र सरकार की मदद से पार्टी और चुनाव निशान दोनों किसी और को सौंप दिया गया। मैंने कभी कोर्ट का मुंह नहीं देखा था मगर उनकी वजह से मुझे कोर्ट की सीढ़ियां भी चढ़नी पड़ीं।
इस मौके पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी अजित पवार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह परिवार की नहीं बल्कि वैचारिक लड़ाई है। हमारी लड़ाई भाजपा के साथ है। इसे पावर बनाम पवार की लड़ाई के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
बारामती में अब प्रतिष्ठा की जंग
नामांकन दाखिले के साथ ही शरद पवार के मोर्चा संभाल लेने से साफ हो गया है कि उन्होंने बारामती की चुनावी जंग को अपनी प्रतिष्ठा की जंग बना लिया है। 1991 के विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने इस सीट से पहली बार चुनाव जीता था और इसके बाद लगातार इस सीट पर अजित पवार का कब्जा बना हुआ है।
अजित पवार इस सीट पर अभी तक अजेय साबित हुए हैं मगर इस बार शरद पवार युगेंद्र पवार के जरिए उनकी लगातार जीत का सिलसिला तोड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। शरद पवार खुद इस सीट पर 1967 से 1990 तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं।
अजित के लिए आसान नहीं है चुनावी मुकाबला
बारामती में अजित पवार को चुनौती देने वाले 32 वर्षीय युगेंद्र शरद पवार के पोते और अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। युगेंद्र पवार परिवार के मुखिया एवं राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के करीबी रहे हैं। वे काफी समय से सियासी मैदान में सक्रिय है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ सुप्रिया सुले का चुनाव प्रबंधन संभाला था।
अब वे खुद चुनावी जंग में उतर गए हैं और उनकी ओर से शरद पवार और सुप्रिया सुले दोनों ने मोर्चा संभाल लिया है। ऐसे में अजित पवार के लिए यह चुनावी जंग आसान नहीं मानी जा रही है। चुनाव प्रचार तेज होने के साथ इस जंग के और तीखी होने की संभावना जताई जा रही है।