PM मोदी ने साधा पाकिस्तान पर निशाना, आतंकवाद पर कही ये बड़ी बात
पीएम मोदी ने सप्ताह में दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मंच साझा किया। इससे पहले हाल में ही पीएम ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भी शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल ढंग से हिस्सा लिया था।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मंच साझा करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा दुनिया की सबसे बड़ी समस्या से निपटने के लिए हमें आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराना होगा। इसके साथ ही संगठित तरीके से इस समस्या का मुकाबला करना होगा। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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शी जिनपिंग के साथ साझा किया मंच
पीएम मोदी ने सप्ताह में दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मंच साझा किया। इससे पहले हाल में ही पीएम ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भी शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल ढंग से हिस्सा लिया था। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के बाद तब पहली बार विश्व के इन दो बड़े देशों के नेता आमने-सामने आए थे।
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार पर दिया जोर
पीएम मोदी ने कहा की संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने महसूस किया है कि ये संस्थाएं मौजूदा जरूरतों के हिसाब से काम नहीं कर पा रही हैं और यही कारण है कि इन संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। समय के साथ इन संस्थाओं के काम करने के ढंग में कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं अभी भी 75 साल पुरानी सोच पर काम कर रही हैं। इसलिए इन संस्थाओं को अपने काम करने के ढंग में भी बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में ब्रिक्स के सदस्य देशों से सहयोग करने की अपील भी की।
आतंकवाद को बताया सबसे बड़ी समस्या
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए उसे मौजूदा समय में विश्व की सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि किन देशों की और से आतंकवादियों को समर्थन और मदद मिल रही है और ऐसे देशों को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला करने के लिए सभी को आगे आना होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स की ओर से काउंटर टेररिस्म स्ट्रैटेजी को अंतिम रूप दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ी उपलब्धि है और भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस काम को और आगे बढ़ाएगा।
अहम भूमिका निभा सकते हैं ब्रिक्स के सदस्य देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद की वैश्विक अर्थव्यवस्था में ब्रिक्स के सदस्य देशों की इकोनामी अहम भूमिका निभा सकती है।
उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि ब्रिक्स के सदस्य देशों में दुनिया की 42 फ़ीसदी से अधिक आबादी बसती है और इसके सदस्य देश ग्लोबल इकोनामी को रफ्तार देने वालों में शामिल हैं। इसके साथ ही ब्रिक्स के सदस्य देशों में भी आपसी व्यापार को बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं। ब्रिक्स के सदस्य देशों को इस बाबत पहल जरूर करनी चाहिए।
आत्मनिर्भर भारत का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत देश में एक व्यापक सुधार प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। भारत की ओर से यह अभियान इसलिए शुरू किया गया है ताकि कोविड-19 महामारी के बाद देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान भी हमने इसका उदाहरण देखा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना महामारी पूरी दुनिया में चरम पर थी तब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण ही हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेजने में कामयाब हो सके।
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उन्होंने कहा कि हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी मानवता के हित में जरूर काम आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ब्रिक्स के सदस्य देशों में आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने का प्रयास करेगा।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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