नई दिल्ली: गरीबी मुक्त बनाने के लिए सबसे पहले गांवों को गंदगी, बीमारी और झगड़े से मुक्त करना होगा। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर में नानाजी के जन्म शताब्दी पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में आज बुधवार को देशभर से आए 11 हजार पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
क्या बोले पहले दिन नरेंद्र सिंह तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आजादी के बाद देश के विकास का जो मॉडल अपनाया गया, उसमें एक भारत के लिए था तो दूसरा इंडिया के लिए। लेकिन इससे न इंडिया का भला हुआ और न ही भारत ता। जो काम पहले हो जाना चाहिए था, उसे आज करना पड़ रहा है। तोमर ने एक्साम्प्ल देते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में भी बारिश के समय तीन-तीन फुट पानी जमा हो जाता है और गांव कीचड़ से भर जाता है। इसे तत्कालीन नीति निर्माताओं की गलती ही कही जाएगी। दीन दयाल के समेकित विकास पर ध्यान दिया गया होता हालात इतने खराब नहीं होते।
गांवों को गरीबी मुक्त करने के लिए लोगों के बीच रेस्पेक्ट की फीलिंग लानी होगी। तोमर ने कहा कि यह काम केवल गवर्मेंट के बूते का नहीं है। इसके लिए सोसाइटी के सभी वर्गों को एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा, तभी देश का ताना-बाना मजबूत हो सकेगा। गरीबी मुक्त भारत के लिए कठोर परिश्रम और प्रौद्योगिकी के साथ प्रेरणा और स्वाभिमान जगाए जाने की जरूरत है।
बता दें कि सरकार ने मिशन अंत्योदय के तहत 50 हजार ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है। इस मिशन की सक्सेस के लिए सरकार के 30 विभाग जुड़े हुए हैं। लेकिन इसकी सफलता के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भरता नहीं होनी चाहिए, इसमें सभी वर्गो की भागीदारी इम्पोर्टेन्ट है।
नानाजी के विचारों का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा कि गांवों के विकास के लिए उसे बीमारी मुक्त, झगड़ा मुक्त, गंदगी मुक्त, गरीब मुक्त करना होगा। इस मंत्र की सफलता के लिए समाज के हर वर्ग को पूरी शिद्दत के साथ 'गरीबी भारत छोड़ो' आंदोलन के साथ जुड़ना होगा। नानाजी ने बीड़, गोंडा और चित्रकूट में ग्राम विकास का सफल मॉडल सफलता पूर्वक लागू किया है।