PM Modi: ‘2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को रोकना लगभग असंभव', ब्रिटिश अखबार के लेख में किया दावा

PM Modi: ब्रिटिश अखबार के लेख में दावा किया गया है कि 2024 में पीएम मोदी को रोक पाना लगभग असंभव है। पीटरसन लिखती हैं कि हाल ही में हुए तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत से मिले आत्मविश्वास, पीएम मोदी की लोकप्रियता और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते भाजपा का लगातार तीसरी बार देश की सत्ता में आना तय है और इसे रोक पाना लगभग असंभव है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-01-01 13:10 IST

PM Modi (photo: social media )

PM Modi: 2024 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं। देश की सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। भाजपा तो जल्द ही कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी करने की तैयारी कर चुकी हैं। वहीं इस बीच ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार द गार्जियन में एक लेख छपा है, जिसमें कहा गया है कि 2024 के आम चुनाव में पीएम मोदी को रोक पाना लगभग असंभव है। इससे लेख विपक्षी पार्टियों के लिए निराशा हो सकता है। दरअसल इस लेख में दावा किया गया है कि ‘2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनना लगभग तय है और इसे कोई नहीं रोक सकता।‘

‘भाजपा को रोकना लगभग असंभव‘

इस लेख को हन्नाह एलिस पीटरसन ने लिखा है। पीटरसन लिखती हैं कि ‘तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में मिली जीत से मिले आत्मविश्वास, पीएम मोदी की लोकप्रियता और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते भाजपा का लगातार तीसरी बार देश की सत्ता में आना तय है और इसे रोकना लगभग असंभव है। तीन राज्यों में मिली जीत के बाद खुद पीएम मोदी भी 2024 में जीत की भविष्यवाणी करने से खुद को नहीं रोक पाए।‘ लेख के अनुसार, जिसमें कहा गया है कि भारत के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच एक तरह की सहमति है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और भाजपा की जीत होनी तय है।

‘भाजपा इस एजेंडे से मतदाता प्रभावित‘

पीटरसन आगे लिखती हैं कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी मजबूत नेता की छवि के साथ ही भाजपा के हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे से बड़ी संख्या में हिंदू मतदाता प्रभावित हैं, खासकर उत्तर भारत की हिंदी बेल्ट में भाजपा खास तौर पर मतदाताओं को लुभा रही है। साल 2014 के बाद से राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर देश का जनमत बड़े पैमाने पर भाजपा की ओर झुका है।‘ लेख में लिखा गया है कि ‘भारत के दक्षिण और पूर्व के हिस्से में विपक्षी पार्टियां भाजपा की तुलना में हैं, लेकिन राष्ट्रीय तौर पर विपक्ष बिखरा हुआ और कमजोर नजर आ रहा है।‘

‘विपक्षी गठबंधन का कई अहम मुद्दों पर एक न होना‘

कांग्रेस को लेकर गार्जियन के लेख में लिखा गया है कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हालिया विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में जीती है लेकिन यह अभी तीन राज्यों में ही सत्ता में है और पार्टी अंदरुनी कलह से जूझ रही है। विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन तो किया है लेकिन अभी भी विपक्षी पार्टियों के बीच कई अहम मुद्दों पर आपसी सहमत बनाना बाकी है। हालांकि ये सभी पार्टियों भाजपा के खिलाफ लड़ने, एकजुट होकर लड़ने की बात कर रही हैं। सामान्य सोच यही है कि अभी भाजपा की जीत तय लग रही है।

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