PM Modi: ‘सेकुलर सिविल कोड’ पर न्यायपालिका की PM मोदी ने जमकर की तारीफ, जानिए क्या पूरा माजरा ?

PM Modi: मुझे खुशी है कि मुझे राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जयंती समारोह में आप सभी के बीच रहने का अवसर मिला। राजस्थान उच्च न्यायालय ने ऐसे समय में 75 वर्ष पूरे किए हैं, जब हमारा संविधान भी 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-25 12:51 GMT

PM Modi (सोशल मीडिया)   

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदी’ के कार्यक्रम के बाद सीधे राजस्थान पहुंचे, यहां पर उन्होंने राजस्थान के हाई कोर्ट सिल्वर जुबली कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘सेकुलर सिविल कोड’ के मुद्दे पर न्यायपालिका की जमकर तारीफ की है और पिछली सरकार को आईना दिखाया। पीएम मोदी ने कहा कि सेकुलर सिविल कोड’ के मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार इतनी मुखर हुई हो, लेकिन हमारी judiciary दशकों से इसकी वकालत करती आई है। बता दें कि 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से ‘सेकुलर सिविल कोड’ पर पहली बार बात की, जिसके बाद यह मुद्दा अब चर्चा का विषय बिना हुआ है। कांग्रेस ने सहित कई विरोधी दल इस पर अपना विरोध जता रहे हैं।

PM मोदी हाई कोर्ट के जुबली समारोह में हुए शामिल

राजस्थान के जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अभी इसी 15 अगस्त को मैंने लाल किले से Secular civil code की बात की है। इस मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार इतनी मुखर हुई हो, लेकिन हमारी judiciary दशकों से इसकी वकालत करती आई है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर न्यायपालिका का ये स्पष्ट रुख न्यायपालिका पर देशवासियों में भरोसा और बढ़ाएगा। मेरा मानना है कि न्याय हमेशा सरल और स्पष्ट होता है, लेकिन कभी-कभी प्रक्रिया इसे कठिन बना देती है। न्याय को यथासंभव सरल और स्पष्ट बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है और मुझे संतोष है कि देश ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाए हैं।

नए कानून पर PM मोदी ने कही ये बात

देश में लागू हुए नए कानूनों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने सैकड़ों औपनिवेशिक कानूनों को समाप्त किया है, जो पूरी तरह अप्रासंगिक हो गए थे। आजादी के इतने दशकों के बाद गुलामी की मानसिकता से उभरकर देश ने भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता को अपनाया है। मुझे खुशी है कि मुझे राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जयंती समारोह में आप सभी के बीच रहने का अवसर मिला। राजस्थान उच्च न्यायालय ने ऐसे समय में 75 वर्ष पूरे किए हैं, जब हमारा संविधान भी 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह कई महान लोगों की निष्ठा और योगदान का जश्न मनाने का भी क्षण है।

18 हजार के अधिक कोर्ट कम्प्यूटराइज्ड हो चुकी

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में 18 हजार से ज्यादा कोर्ट्स कम्प्यूटराइज्ड हो चुकी हैं। मुझे बताया गया है कि National Judicial Data Grid से 26 करोड़ से ज्यादा मुकदमों की जानकारी एक सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुड़ चुकी है। आज पूरे देश की 3 हजार से ज्यादा court complexes और 1,200 से ज्यादा जेलें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ गई हैं और मुझे खुशी है कि राजस्थान भी इस दिशा में काफी तेज गति से काम कर रहा है। मेरा मानना है कि न्याय हमेशा सरल और स्पष्ट होता है, लेकिन कई बार प्रक्रियाएं उसे मुश्किल बना देती हैं। ये हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम न्याय को ज्यादा से ज्यादा सरल और स्पष्ट बनाएं। देश ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाये हैं।

राजस्थान हाइकोर्ट के अस्तित्व राष्ट्र एकता के हतिहास से जुड़ा

उन्होंने कहा कि राजस्थान हाइकोर्ट के अस्तित्व से हमारे राष्ट्र की एकता का इतिहास जुड़ा है। आप सब जानते हैं, सरदार पटेल ने जब 500 से ज्यादा रियासतों को जोड़कर देश को एक सूत्र में पिरोया था, तो उसमें राजस्थान की भी कई रियासतें थीं। जयपुर, उदयपुर और कोटा जैसी कई रियासतों के अपने हाइकोर्ट भी थे। इनके इंटिग्रेशन से राजस्थान हाइकोर्ट अस्तित्व में आया यानी राष्ट्रीय एकता ये हमारे judicial system का भी founding stone है। ये founding stone जितना मजबूत होगा, हमारा देश और देश की व्यवस्थाएं भी उतनी ही मजबूत होंगी।


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