PM मोदी की 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक, कहीं ये महत्वपूर्ण बातें

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की।

Update:2020-09-23 21:21 IST
देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की।

नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।

गौरतलब है कि कोरोना के 63 प्रतिशत एक्टिव मामले इन सात राज्यों से ही हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में 700 से अधिक जिले हैं, लेकिन कोरोना के जो बड़े आंकड़े हैं वो सिर्फ 60 जिलों में हैं, वो भी 7 राज्यों में। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों को सुझाव है कि एक 7 दिन का कार्यक्रम बनाएं और प्रतिदिन 1 घंटा दें। वर्चुअल तरीके से हर दिन 1 जिले के 1-2 ब्लॉक के लोगों से सीधे बात करें। इस बैठक में महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू्, पंजाब और उत्तर प्रदेश के सीएम शामिल हुए।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है। अब हमें कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।



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प्रधानमंत्री ने कहा कि जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।

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उन्होंने मुख्यमंत्रियों से बातचीत में कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।



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पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा। उन्होंने कहा कि संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है। संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।

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