पीएम मोदी की सौगात: न्यू इंडिया के घर बनेंगे ऐसे, जानें क्या होगी खासियत

लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं।जब पीएम मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन इन सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री वर्चुअली मौजूद रहे।

Update:2021-01-01 16:24 IST
आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेगा लाइट हाउस प्रोजेक्ट

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने की दिशा में आज साल के पहले दिन अहम कदम उठाया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 6 शहरों के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उदघाटन किया। नए साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम है। इस परियोजना के तहत देश के 6 शहरों में अगले एक साल में पक्के एक-एक हजार घर बनाए जाएंगे।

इन शहरों में बनेंगे एक-एक हजार घर

लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं।जब पीएम मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन इन सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री वर्चुअली मौजूद रहे। प्रोजेक्ट के तहत त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, झारखंड की राजधानी रांची, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, MP की राजधानी इंदौर, गुजरात के राजकोट और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अगले साल तक एक-एक हजार घर बनाए जाएंगे।

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(फोटो- ट्विटर)

नहीं होगा ईंट गारे का इस्तेमाल

बता दें कि ये घर जर्मनी, अमेरिका, फिनलैंड, न्यूजीलैंड जैसे विकसित देशों के तकनीक से बनाए जाएंगे, जो सस्ते, मजबूत और भूकंपरोधी होंगे। साथ ही कम समय में तैयार किए जाएंगे। इन घरों का निर्माण खिलौने जैसे ब्लॉक को जोड़कर किया जाएगा, इन्हें बनाने के लिए ईंट गारे का इस्तेमाल नहीं होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये 6 प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे।

आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेगा ये प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेगा। इसमें निर्माण का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा सस्ते और सुविधाजनक होंगे। उन्होंने घरों की खासियतें बताते हुए कहा कि इंदौर में जो घर बन रहे हैं, उनमें ईंट और गारे की दीवारें नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम का इस्तेमाल होगा।

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(सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया)

क्या है इन घरों की खासियतें?

वहीं राजकोट में बनने वाले घर में मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा। फ्रांस की इस तकनीकी से गति मिलने में आसानी होगी और ये घर ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा। रांची में जर्मनी का 3D construction system इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पैटर्न में, हर कमरे को अलग से बनाया जाएगा और फिर पूरे ढांचे को लेगो ब्लॉक की तरह जोड़ा जाएगा।

अगरतला में न्यूजीलैंड से स्टील फ्रेम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके घरों का निर्माण कर रहे हैं। यह घरों को भूकंप के जोखिम से रोकने के लिए है। चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां पर प्री कास्ट कंक्रीट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। लखनऊ में बनने वाले घर में कनाड़ा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, जिन्हें प्लास्टर और पेंट करने की जरूरत नहीं है।

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