पहले आयुध कारखानों को सरकारी विभागों की तरह चलाया जाता था: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु दोनों की सरकारों के साथ मिलकर स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्टक्चर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए आने वाले 5 सालों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु दोनों की सरकारों के साथ मिलकर स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्टक्चर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए आने वाले 5 सालों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
उक्त बातें पीएम मोदी ने रक्षा उद्योग में ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषयक वेबिनार में कही। पीएम मोदी ने कहा कि आज के इस मंथन से जो परिणाम मिलेंगे उससे, आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को और भी ज्यादा गति मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य है कि भारत में ही रक्षा निर्माण में वृद्धि हो। हमारा उद्देश्य है कि भारत में ही उत्पादन बढ़े, नई तकनीक भारत में ही विकसित हो, और प्राइवेट सेक्टर का इस क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो।
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पहले आयुध कारखानों को सरकारी विभागों की तरह चलाया जाता था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले आयुध कारखानों को सरकारी विभागों की तरह ही चलाया जा रहा था। एक सीमित विजन की वजह से देश का नुकसान तो हुआ ही, साथ ही वहां काम करने वाले मेहनती, अनुभवी और कुशल श्रमिक वर्ग का भी बहुत नुकसान हुआ।
पिछले कुछ सालों में हमारा प्रयास इस सेक्टर से जुड़ी सभी बेड़ियां तोड़ने का है। हमारा मकसद है कि भारत में ही उत्पादन बढ़े, नई तकनीक भारत में ही विकसित हो, और प्राइवेट सेक्टर का इस क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो, इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में 101 डिफेंस आइटम्स को पूरी तरह से घरेलू खरीद के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। इस लिस्ट को और व्यापक बनाया जाएगा, इसमें और आइटम जुड़ते जाएंगे।
पीएम मोदी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद (सीडीएस) की नियुक्ति पर कहा कि लंबे अरसे से देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति पर फैसला नहीं हो पा रहा था, ये निर्णय नए भारत के आत्मविश्वास का सिम्बल है।
उन्होंने ये भी कहा कि अत्याधुनिक उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए टेक्नोलोजी का अपग्रेडेशन आवश्यक है। जो उपकरण आज बन रहे हैं, उनका नेक्स्ट जेनरेशन तैयार करने की दिशा में भी काम होते रहना चाहिए। इससे लिए डीआरडीओ के अलावा निजी क्षेत्र और एकेडिमिक इंस्टीट्यूट्स में भी काम किया जा रहा है।
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हम दुनिया को बेहतर तरीके से योगदान देना चाहते हैं: राजनाथ
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम दुनिया को और भी ज्यादा बेहतर तरीके से योगदान देने के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए कुछ रक्षा नीति में सुधार किए गए हैं जैसे कि 101 रक्षा वस्तुओं के आयात पर बैन लगाया गया है।
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