G-7 Conference 2023: पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कही बड़ी बात, चीन पर भी परोक्ष रूप से साधा निशाना
G-7 Conference 2023 :पीएम ने कहा- यूक्रेन की मौजूदा स्थिति कोई राजनीति या आर्थिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक मानवीय मुद्दा मानवीय मूल्यों का मुद्दा है।
G-7 Conference 2023: जी-7 सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को यूक्रेन को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की मौजूदा स्थिति कोई राजनीति या आर्थिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक मानवीय मुद्दा मानवीय मूल्यों का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी यहीं नहीं रूके उन्होंने परोक्ष रूप से चीन पर भी निशाना साधाते हुए कहा कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी भी कोशिश का विरोध होना चाहिए। जी-7 सम्मेलन में यूक्रेन पर काफी फोकस रहा।
पीएम मोदी ने कही ये बातें-
जी-7 सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कोई भी विवाद और तनाव की स्थिति को शांतिपूर्वक तरीके से बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। पीएम ने भगवान बुद्ध का जिक्र करते हुए बताया कि दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से सुलझाया ना जा सके। भगवान बुद्ध ने शत्रुता को बातचीत से खत्म करने की बात कही थी और हमें भी इसी भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
यूक्रेन की हरसंभव मदद का आश्वासन
जी-7 बैठक से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी बात की। यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन की मदद के लिए भारत जो संभव होगा, वो सब करेगा। जी-7 के सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर काफी फोकस रहा। पीएम ने कहा कि हम शुरुआत से ही कहते रहे हैं कि बातचीत और कूटनीति के जरिए आज किसी भी समस्या को सुलझाया जा सकता है। यूक्रेन संकट में भी भारत मदद करने की कोशिश करेगा।
चीन पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि सभी देश यथास्थिति बदलने के खिलाफ एकसुर में आवाज उठाएं। भारत का सीमा पर चीन के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है और दोनों देश सीमा विवाद में उलझे हुए हैं। ऐसे में पीएम मोदी के इस बयान को चीन पर परोक्ष रूप से निशाना माना जा रहा है। पीएम ने कहा कि किसी भी विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला जा सकता है। मौजूदा वैश्विक स्थिति का विकासशील देशों पर बुरा असर पड़ रहा है। मौजूदा संकट के चलते खाने, तेल और फर्टिलाइजर का संकट बढ़ा है, खासकर विकासशील देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।