भारत की ये खास सुरंग: कम करेगी मनाली से लेह की दूरी, PM मोदी करेंगे उद्घाटन
हिमाचल प्रदेश में मनाली से लेह को जोड़ने वाली सुरंग तैयार कर ली गई है। यह सुरंग रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने करने वाले हैं।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने हिमाचल प्रदेश में मनाली से लेह को जोड़ने वाली सुरंग तैयार कर ली है। यह सुरंग रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने करने वाले हैं। इन टनल के निर्माण में करीब साढ़े तीन से चार हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह सुरंग समुद्र तल से लगभग दस हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह सुरंग सैन्य रसद के दृष्टिकोण से बेहद अहम है।
यह भी पढ़ें: बिल्ली से कांपा चीन: सामने आई हैरान करने वाली रिपोर्ट, अनुमान से अधिक मामले
पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर हाल ही में सुरंग के उद्घाटन से पहले की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। CM ने बताया था प्रधानमंत्री ने इस मेगा परियोजना को जल्द पूरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इस परियोजना से रोजगार और स्वरोजगार तो पैदा ही होंगे, साथ ही लाहौल-स्पीति जिले में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। पीर पंजाल रेंज से होकर इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी कम हो गई है।
यह भी पढ़ें: पाक़ साफ़ नहीं हैं कंगना रनौत, इन बातों को पढ़कर हो जाएंगे सोचने पर मज़बूर!
12 महीने रहेगी कनेक्टिविटी
हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा था कि अटल सुरंग लाहौल के निवासियों के लिए एक वरदान होगा, जो भारी बर्फबारी की वजह से लगभग छह महीने तक देश के बाकी हिस्सों से कटा रहता है। उन्होंने कहा था कि यह महत्वाकांक्षी अटल सुरंग, लेह और लद्दाख के आगे के क्षेत्रों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। तो चलिए जानते हैं क्या है इस सुरंग की खासियतें-
यह भी पढ़ें: चीन पर गरजा भारत: पांच सूत्री फॉर्मूले पर हुई बात, इन 5 प्वाइंट पर बनी सहमति
अटल सुरंग की क्या हैं खासियतें-
लद्दाख के लेह के बीच समुद्र तल से तीन हजार मीटर ऊपर बनी है अटल सुरंग।
प्रधान मंत्री अटल बिहारी वायपेयी द्वारा तीन जून 2000 को की गई थी परियोजना की घोषणा।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपी गई थी निर्माण की जिम्मेदारी।
मनाली और लेह के बीच की 464 किमी की दूरी में 47 किमी कम हो जाएगी।
इस सुरंग की वजह से यात्रा में होगी दो से ढाई घंटे के समय की बचत।
लाहौल को मिलेगी 12 महीने कनेक्टिविटी।
3,200 करोड़ रुपए के लागत से हुई है तैयार।
इस टनल से 80 किमी प्रतिघंटे की गति से गुजर सकते हैं रोजाना 5000 वाहन।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।